पुरानी पेंशन बहाली (OPS): 19 नवंबर 2024 को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी किए गए शासनादेश में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से पुरानी पेंशन योजना (OPS) में धनराशि के स्थानांतरण और संबंधित प्रक्रियाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है। इस आदेश का उद्देश्य कर्मचारियों के खाते में जमा राशि का सही और समय पर समायोजन सुनिश्चित करना है। शासनादेश में कर्मचारियों के जीपीएफ खातों में धनराशि का समायोजन, राज्य सरकार के योगदान का लेखा-शीर्ष में स्थानांतरण, और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारियों को स्पष्ट किया गया है।
एनपीएस से OPS में स्थानांतरण का विकल्प
अब तक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत काम करने वाले कर्मचारी जो “उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट्स, 1961” के अंतर्गत आते हैं, उन्हें एक महत्वपूर्ण विकल्प प्रदान किया गया है। ये कर्मचारी एक बार पुरानी पेंशन योजना (OPS) में शामिल हो सकते हैं, बशर्ते वे 28 मार्च 2005 से पहले नियुक्त हुए हों। यह विकल्प केवल उन्हीं कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होगा जिनकी नियुक्ति तिथि 28 मार्च 2005 से पहले की है, और जिन्होंने एनपीएस के तहत योगदान किया है।
कर्मचारियों के अंशदान का समायोजन
एनपीएस के तहत जमा किए गए कर्मचारियों के अंशदान की धनराशि को अब उनके जीपीएफ खाते में जमा किया जाएगा। इस धनराशि पर ब्याज भी दिया जाएगा, और इसे कानूनी रूप से प्रमाणित किया जाएगा। इससे कर्मचारियों को उनके भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और उन्हें पुरानी पेंशन योजना (OPS) के लाभ मिलेंगे।
राज्य सरकार के अंशदान का समायोजन
राज्य सरकार का अंशदान अब एक विशेष लेखा-शीर्ष के तहत समायोजित किया जाएगा, जिसका कोड है “2071-पेंशन और अन्य सेवा निवृत्ति लाभ-01-सिविल-911-अधिभुक्तियों की कटौती-03-एनपीएस के अंतर्गत राज्य सरकार का अंशदान”। इसके अलावा, सरकारी अंशदान से अर्जित आय को भी उसी लेखा-शीर्ष में समायोजित किया जाएगा।
निवेश की अतिरिक्त राशि का समायोजन
एनपीएस खाते में निवेश से जो अतिरिक्त लाभ अर्जित हुआ है, उसे “अंशदान तथा वसूली” के तहत राजकोष में जमा किया जाएगा। इस प्रक्रिया के माध्यम से कर्मचारियों की जमा राशि और निवेश की पूरी जानकारी को सही तरीके से समायोजित किया जाएगा, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या धोखाधड़ी की संभावना को कम किया जा सके।
पेंशन निदेशालय की भूमिका
पेंशन निदेशालय की जिम्मेदारी होगी कि वह संबंधित कोषागार से धनराशि के हस्तांतरण के बाद उसे सीआरए पोर्टल (Central Recordkeeping Agency) पर सत्यापित करे। इसके बाद, सरकारी अंशदान और अर्जित आय को राजकोष में समायोजित किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और विधिक रूप से सही तरीके से की जाएगी ताकि किसी भी कर्मचारी का हक न मारा जाए।
अन्य निर्देश
- सामान्य भविष्य निधि (GPF) खाता खोलना: संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के GPF खाते खोलने के लिए जिम्मेदार होंगे। सभी आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ कोषागार को जानकारी दी जाएगी ताकि प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए।
- डेटा सत्यापन: कोषागार “Error Rectification Module (ERM)” का उपयोग करके एनपीएस खाते की धनराशि को सत्यापित करेगा। सत्यापित आंकड़ों को पेंशन निदेशालय को भेजा जाएगा ताकि कोई त्रुटि न रहे।
- पासबुक अपडेट: संबंधित विभाग द्वारा जीपीएफ खाते में ब्याज जोड़ते हुए पासबुक को नियमित रूप से अपडेट किया जाएगा। इससे कर्मचारियों को उनके योगदान और ब्याज का सही हिसाब मिलेगा।
- पूर्व सेवानिवृत्त कर्मचारियों के मामले: जिन कर्मचारियों ने पहले ही सेवा से निवृत्ति ले ली थी और अब वे पुरानी पेंशन योजना में शामिल हो रहे हैं, उनके मामले में राज्य सरकार के अंशदान और अर्जित आय को ब्याज सहित राजकोष में जमा किया जाएगा।
राजकीय सहायता प्राप्त संस्थानों पर निर्देश
राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित संस्थानों और अशासकीय शिक्षण संस्थानों के कर्मचारियों के लिए भी इस आदेश के अनुसार प्रक्रिया अपनाई जाएगी। संबंधित विभागीय अनुदान के तहत नियोक्ता का अंशदान लेखा-शीर्ष में जमा किया जाएगा।
इस आदेश के द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि धनराशि का सही और समय पर हस्तांतरण किया जाए। संबंधित अधिकारियों को पूरी प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। पेंशनभोगियों और कर्मचारियों को उनके जीपीएफ खातों में धनराशि के समायोजन की जानकारी सटीक रूप से दी जाएगी, ताकि कोई भी कर्मचारी अपने अधिकारों से वंचित न हो।