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अकबर क्यों पीता था हिंदुओं का पवित्र गंगाजल? एक नहीं कई थी वजहें

मुग़ल काल में गंगाजल को बहुत ही पवित्र जल माना जाता था। अकबर हिन्दू धर्म का बहुत ही सम्मान करता था और वह गंगाजल के गुण भी जानता था इसलिए वह इसे पीता था

By PMS News
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अकबर क्यों पीता था हिंदुओं का पवित्र गंगाजल? एक नहीं कई थी वजहें
अकबर क्यों पीता था हिंदुओं का पवित्र गंगाजल? एक नहीं कई थी वजहें

हिन्दू धर्म में गंगा जल को सामान्य जल से बहुत ही पवित्र माना जाता है। गंगा को मां अथवा देवी कहकर पुकारा जाता है। जितनी भी पूजा होती है उसके काम में गंगाजल का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह एक पवित्र जल होता है। जानकारी के लिए बता दें महान मुग़ल सम्राट अकबर भी इस जल का सेवन करता था। उस समय गंगाजल का इस्तेमाल शान शौकत के अतिरिक्त कई कारणों से किया जाता था जो कि बहुत अद्भुद हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

शुद्ध माना जाता था गंगाजल

गंगा नदी भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक है। इस जल को देवी के समान पूजते हैं। हिन्दू धर्म में इसका बहुत महत्व है और इसे गंगा माँ कहकर पुकारा और पूजा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति इस जल में स्नान करें तो उसके सारे रोग और पाप समाप्त हो जाते हैं।

हिंदू धर्म को मानता था अकबर

मुगल बादशाह हिंदू धर्म, रीति रिवाज और परम्पराओं को विश्वास और मानता था। इसका असली कारण इसकी मां का सीख देना है। क्योंकि इनकी माता माहम अंगा हिन्दू थी। इसलिए उनको इसके प्रति अधिक झुकाव था। वे अपने पुत्र को बचपन से ही हिंदू धर्म के बारे में बताती और समझाती थी। हिंदू रीति रिवाज को अपनाना और उनका पालन करना अकबर इसी प्रकार सीख रहे थे। इसमें गंगाजल को पीना भी बताया गया था।

बहुत दूर से आता था गंगाजल

अकबर ने गंगा नदी के किनारे अपने कुछ सिपाही भेजे थे तो हमेशा गंगाजल को उसके पास भेजते रहे। गंगा जल बहुत दूर दूर इलाकों से इसके पास आता था।

दूसरे धर्म को प्रभावित करना

अकबर खासतौर पर इसलिए गंगाजल पीता था क्योंकि वह बताना चाहता था की उसके सामने सभी धर्म समान है। वह हिन्दू धर्म में कितनी रूचि और इसका सम्मान करता है।

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मेहमानों के सामने दिखावा

उस काल में गंगाजल सबसे ज्यादा खास माना जाता था जिसका इस्तेमाल आम लोग नहीं करते थे। जब अकबर के यहां मेहमान आते थे तो उन्हें वह विशेष रूप से गंगाजल देता था और इसके लाभ के बारे में बताता था।

विज्ञान भी मानता है गंगाजल शुद्ध है

बहुत ही पुराने समय से गंगाजल को पवित्र माना जाता है। बल्कि साइंस रिपोर्ट्स ने भी दावा किया है की गंगाजल एक पवित्र जल है। गंगाजल में बैक्टीरियोफेज वायरस पाया जाता है जो कि जल में किसी भी प्रकार का बैक्टीरिया नहीं होने देता। गंगाजल शुद्ध होता है और इसे पीने से शरीर के रोग खत्म होते हैं। अकबर भी इसी बात से प्रभावित था।

आम आदमी से दूर था गंगाजल

गंगाजल ऐसा जल है जो कभी भी खराब नहीं होता है इसे आप लम्बे समय तक रख सकते हैं। अकबर कई बड़ी बड़ी यात्राएं करता था जिसमें वह गंगाजल को आसानी से अपने पास रख पाता था। यह बहुत दूर से आता था क्योंकि यह हर जगह नहीं मिलता था।

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