CBSE बोर्ड: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए नए बदलावों की घोषणा की है। ये महत्वपूर्ण बदलाव 2025 से लागू होंगे और शिक्षा प्रणाली को और अधिक छात्र-केंद्रित बनाने के लिए लाए जा रहे हैं। इंदौर में हुए ‘ब्रिजिंग द गैप’ प्रिंसिपल्स समिट के दौरान CBSE के भोपाल रीजनल ऑफिसर विकास कुमार अग्रवाल ने इन बदलावों की जानकारी दी। उनका कहना है कि इनका उद्देश्य छात्रों पर पढ़ाई का दबाव कम करना और उनकी सीखने की क्षमता को बढ़ावा देना है।
मुख्य बदलाव
1. सिलेबस में 15% कटौती
CBSE ने सभी विषयों के सिलेबस को 15% तक कम कर दिया है। इससे छात्रों को अब गहरे स्तर पर विषयों को समझने का अवसर मिलेगा और पढ़ाई का बोझ भी कम होगा। CBSE का मानना है कि इस कदम से छात्रों को रटने के बजाय महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी। इस तरह से वे अपनी पढ़ाई में और रुचि ले सकेंगे।
2. डिजिटल आंसर शीट चेकिंग
CBSE अब आंसर शीट की डिजिटल चेकिंग शुरू कर रहा है, जिससे परीक्षा परिणाम जल्दी और पारदर्शी तरीके से तैयार हो सकेंगे। यह कदम बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट की गुणवत्ता को और सुधारने में सहायक साबित होगा।
3. ओपन बुक एग्जाम की शुरुआत
CBSE ने अंग्रेजी साहित्य और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में ओपन बुक एग्जाम प्रारंभ करने की योजना बनाई है। इसमें छात्र किताबें देखकर परीक्षा दे सकेंगे। इस परीक्षा का उद्देश्य छात्रों की स्मरण शक्ति के बजाय उनकी सोचने और समझने की क्षमता का आंकलन करना है। ओपन बुक एग्जाम से छात्रों में रचनात्मकता और गहन चिंतन को प्रोत्साहन मिलेगा।
4. इंटरनल असेसमेंट में बदलाव
एग्जाम पैटर्न में भी एक नया बदलाव किया गया है। अब इंटरनल असेसमेंट के लिए 40% अंक होंगे और शेष 60% अंक फाइनल एग्जाम के होंगे। इस पैटर्न के तहत प्रोजेक्ट, असाइनमेंट, और समय-समय पर होने वाले टेस्ट इंटरनल असेसमेंट में शामिल होंगे। इससे छात्रों को साल भर पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए प्रेरणा मिलेगी और उनकी योग्यता का सही आंकलन हो सकेगा।
5. एक बार में बोर्ड एग्जाम
2025 में बोर्ड एग्जाम एक बार ही आयोजित किए जाएंगे। हालांकि, 2026 से बोर्ड ने इसे फिर से साल में दो बार कराने की योजना बनाई है। इससे छात्रों को अपनी योग्यता प्रदर्शित करने के अधिक अवसर मिलेंगे और बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए बेहतर समय भी मिलेगा।