सरकारी कर्मचारियों के लिए यह राहत की खबर है कि अब उनके सेवानिवृत्त होने पर यदि ‘सामान्य भविष्य निधि’ (जीपीएफ) की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो उस बकाया राशि पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा। इस प्रक्रिया को स्पष्ट करने के लिए, हाल ही में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा एक नया निर्देश जारी किया गया है, जिसमें इस विषय पर स्पष्टीकरण दिया गया है।
सामान्य भविष्य निधि (GPF) Key Highlights
ब्याज भुगतान की नीति | सेवानिवृत्ति पर जीपीएफ बकाया राशि का भुगतान न होने पर बकाया राशि पर ब्याज का प्रावधान |
प्रमुख विभाग | पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग |
जारी निर्देश | कार्यालय ज्ञापन (16 जनवरी 2017 के बाद से) |
उत्तरदायित्व | लेखा अधिकारी, प्रशासनिक सचिव |
सेवानिवृत्ति पर GPF पर ब्याज देय है या नहीं
सरकारी कर्मचारियों के बीच एक आम सवाल है कि सेवानिवृत्ति के बाद उनकी जीपीएफ पर ब्याज मिलेगा या नहीं। हाल ही में मंत्रालय को ऐसे कई मामले मिले हैं, जिनमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अपनी GPF बकाया राशि के विलंबित भुगतान पर ब्याज की मांग की है। इस पर मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यदि जीपीएफ का अंतिम भुगतान सेवानिवृत्ति पर समय पर नहीं होता है, तो उस बकाया राशि पर ब्याज देय होगा।
जीपीएफ की बकाया राशि पर ब्याज का प्रावधान
सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) नियमावली के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि जीपीएफ की बकाया राशि का भुगतान देरी होने की स्थिति में, उस अवधि के लिए ब्याज का भुगतान किया जाएगा। जीपीएफ नियमावली के नियम 11 (4) के अनुसार, यदि सेवानिवृत्ति पर GPF का भुगतान नहीं होता है, तो सेवानिवृत्ति के बाद की अवधि के लिए बकाया राशि पर ब्याज अनिवार्य रूप से मिलेगा।
लेखा अधिकारी की जिम्मेदारी
जीपीएफ भुगतान सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेखा अधिकारी की होती है। रूल 34 के तहत स्पष्ट प्रावधान है कि जब अंशदाता की निधि देय हो जाती है, तो उसका भुगतान लेखा अधिकारी को करना होता है। यह प्रावधान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे सेवानिवृत्त कर्मचारी के हित सुरक्षित रहते हैं।
ब्याज भुगतान का समय और शर्तें
- यदि जीपीएफ का भुगतान छह महीने के भीतर नहीं होता है, तो पीएओ द्वारा ब्याज का भुगतान करना होगा।
- छह महीने से अधिक के ब्याज भुगतान के लिए लेखा कार्यालय के प्रमुख का अनुमोदन आवश्यक है।
- एक वर्ष से अधिक के ब्याज के लिए लेखा नियंत्रक या वित्तीय सलाहकार का अनुमोदन आवश्यक होता है।
भुगतान में देरी के लिए जवाबदेही
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर भुगतान न होने की स्थिति में, अब यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे मामलों में जिम्मेदारी तय की जाएगी। यदि देरी के कारण कर्मचारी को ब्याज का भुगतान करना पड़ा, तो संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय के सचिव उस मामले की समीक्षा करेंगे और जवाबदेही तय करेंगे। जिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण भुगतान में देरी होती है, उन पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।