दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसले में स्पष्ट किया कि किराएदार को बेदखली के आदेश के खिलाफ अपील करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह निर्णय दिल्ली रेंट कंट्रोलर (DRC) के सेक्शन 25बी (8) के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए लिया, जिसमें इस तरह की अपीलों पर रोक है। यह फैसला जस्टिस मनोज जैन ने किराएदारों की याचिका को खारिज करते हुए सुनाया, जिसमें किराएदारों ने 10 मार्च, 2022 को एडिशनल रेंट कंट्रोलर द्वारा जारी किए गए बेदखली आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति मांगी थी।
मामला क्या था?
मामले की शुरुआत 2012 में हुई जब मकान मालिक ने किराएदारों के खिलाफ बेदखली की याचिका दायर की। मकान मालिक ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें अपनी प्रॉपर्टी की ज़रूरत है, इसलिए किराएदारों को वहां से हटाया जाए। किराएदारों ने इस आदेश के खिलाफ अपना पक्ष रखने की अनुमति मांगी, जिसे रेंट कंट्रोलर ने स्वीकार कर लिया। इस पर मकान मालिक ने हाई कोर्ट का रुख किया, जिसके बाद 14 फरवरी 2017 को आए आदेश में किराएदारों को दी गई बचाव की अनुमति निरस्त कर दी गई और उन्हें प्रॉपर्टी खाली करने का आदेश दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट की भूमिका
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद किराएदारों ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन (SLP) दायर की, लेकिन 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद मामला खत्म मान लिया गया था। हालांकि, जब मकान मालिक ने किराएदारों को बेदखल करने के लिए एग्जिक्यूशन याचिका दायर की, तो किराएदारों ने फिर से आपत्ति जताई। उनकी यह आपत्ति 10 मार्च 2022 को रेंट कंट्रोलर द्वारा खारिज कर दी गई और उनके खिलाफ कब्जे का वॉरंट जारी कर दिया गया। आदेश में ताला, दरवाजे और खिड़कियां तोड़ने की इजाजत भी दी गई थी।
हाई कोर्ट का फैसला
किराएदारों ने इस आदेश के खिलाफ फिर से अपील की, जिसे रेंट Control Tribunal ने DRC एक्ट के सेक्शन 25बी (8) का हवाला देते हुए खारिज कर दिया। ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया कि इस प्रावधान के तहत ऐसी अपीलें सुनवाई योग्य नहीं होतीं। इसके बाद 1 जुलाई 2022 को आए इस आदेश को किराएदारों ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि DRC के सेक्शन 25बी (8) में अपील पर स्पष्ट रूप से रोक है, और इसी कारण किराएदारों को अपील का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि कानून के प्रावधानों के अनुसार निर्णय लिया गया है और इसमें हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।