Smart Meter: Smart pre-paid meter के उपभोक्ताओं को बिजली खपत के दौरान अपने लोड पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। अगर आपने अपने कनेक्शन पर 2 किलोवाट का लोड ले रखा है और किसी भी महीने में किसी दिन आधे घंटे के लिए यह लोड 2 किलोवाट से ऊपर चला जाता है, तो आपको अतिरिक्त चार्ज और जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। यह जुर्माना एक्सेस डिमांड चार्ज के रूप में वसूला जाएगा, जिसमें प्रति अतिरिक्त किलोवाट के हिसाब से शुल्क और पेनल्टी दोनों शामिल होंगे। यह राशि आपके अगले महीने के बिजली बिल में जुड़कर आपके प्रीपेड बैलेंस से खुद कट जाएगी।
उपभोक्ताओं की शिकायतों के बाद कंपनी ने कहा
हाल ही में स्मार्ट प्री-पेड मीटर के कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की, कि फिक्स चार्ज और ऊर्जा शुल्क के अलावा अचानक उनके प्रीपेड बैलेंस से बड़ी राशि काटी जा रही है। कंपनी के इंजीनियरों ने इस मामले की जांच की और पाया कि कुछ उपभोक्ताओं ने अपने निर्धारित लोड से ज्यादा बिजली का उपभोग किया था। इसका परिणाम यह हुआ कि उनके प्रीपेड बैलेंस से अतिरिक्त चार्ज और जुर्माना कट गया।
उदाहरण के तौर पर, किरण देवी ने 1 किलोवाट का लोड ले रखा था और अगस्त-सितंबर महीने में 82 यूनिट बिजली की खपत की थी। हालांकि, उस महीने के किसी दिन उनका लोड 2.02 किलोवाट तक पहुंच गया, जिसके चलते उनके ऊपर 3 किलोवाट का चार्ज लागू हुआ। नतीजतन, उनके प्रीपेड बैलेंस से करीब 330 रुपये कट गए। इंजीनियरों ने जांच के बाद बताया कि यह कटौती अतिरिक्त शुल्क और जुर्माने के रूप में की गई थी। 160 रुपये अतिरिक्त शुल्क और 160 रुपये जुर्माना वसूला गया था।
नये कनेक्शन पर छह महीने तक छूट
पेसू पूर्वी के अधीक्षण अभियंता मनीष कांत ने बताया कि हर आधे घंटे पर उपभोक्ताओं का डिमांड रिकॉर्ड होता है और किसी भी महीने के किसी दिन के आधे घंटे में उपभोग की गई अधिकतम बिजली को पीक लोड माना जाता है। उपभोक्ताओं को लोड निर्धारित करते समय इसे ध्यान में रखना चाहिए ताकि उन्हें जुर्माना न देना पड़े।
उन्होंने आगे बताया कि जो उपभोक्ता नए स्मार्ट प्रीपेड मीटर कनेक्शन ले रहे हैं या अपने पोस्टपेड मीटर को प्रीपेड में बदलवा रहे हैं, उन्हें पहले छह महीने तक एक्सेस डिमांड चार्ज से छूट मिलेगी। इसके साथ ही, लोड बढ़ने पर उपभोक्ताओं को SMS के माध्यम से सूचना दी जाती है। इच्छुक उपभोक्ता सुविधा एप के माध्यम से अपने घर का लोड घटा या बढ़ा सकते हैं।