indian currency: मई 2023 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया। लोगों को सलाह दी गई थी कि वे अपने पास के 2000 रुपये के नोटों को बैंक में जमा या बदल सकते हैं। अब तक 2000 रुपये के करीब 98 प्रतिशत नोट वापस आ चुके हैं, लेकिन अब भी कुछ गुलाबी नोट अभी तक जमा नहीं हुए हैं।
ये नोट नवंबर 2016 में पेश किए गए थे, जब सरकार ने पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए थे। 2018-19 में RBI ने 2000 रुपये के नोटों की छपाई को रोक दिया था, यह कहते हुए कि अन्य मूल्य के नोटों की पर्याप्त उपलब्धता के कारण इसकी अब आवश्यकता नहीं है।
5 रुपये के मोटे सिक्के का गायब होना
क्यों गायब हुआ 5 रुपये का मोटा सिक्का?
छोटे लेन-देन के लिए सामान्यत: 5 रुपये के सिक्के का उपयोग किया जाता है। पुराने 5 रुपये के सिक्के मोटे और धातु से भरपूर थे, जो इसे टिकाऊ बनाता था। इस भारी धातु का कुछ लोग गलत इस्तेमाल कर रहे थे। इस सिक्के में जिस धातु का उपयोग होता था, उसी का उपयोग ब्लेड बनाने में भी होता था।
सिक्कों की तस्करी
5 रुपये के सिक्कों की अवैध तस्करी होने लगी थी। इन्हें पिघलाकर धातु से ब्लेड बनाए जाते थे, जिन्हें बांग्लादेश भेजा जा रहा था। जानकारी के अनुसार, एक 5 रुपये के सिक्के से 6 ब्लेड बनाए जाते थे, जो प्रति ब्लेड 2 रुपये में बिकते थे। इस तस्करी की जानकारी मिलते ही RBI ने इस सिक्के की प्रचलन को समाप्त करने का निर्णय लिया।
भारतीय रिज़र्व बैंक की कार्रवाई और नए सिक्के का डिज़ाइन
RBI ने सिक्के के डिज़ाइन और उसमें इस्तेमाल होने वाले मटेरियल को बदल दिया है। नया 5 रुपये का सिक्का पुराने के मुकाबले काफी पतला है, जिससे बांग्लादेश में इसे ब्लेड बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। अब यह सिक्का धातु से बना तो है, लेकिन इसमें इतना मेटल नहीं है कि इसे तस्करी के लिए लाभकारी माना जाए।
नए सिक्के के फायदे
नए सिक्के का डिज़ाइन पुराने से बिल्कुल अलग है, जो तस्करों के लिए अनाकर्षक है। इस पतले डिज़ाइन के कारण इसका इस्तेमाल ब्लेड बनाने में नहीं हो सकता, और इसका बाजार मूल्य पिघलाने के बाद भी पुराने सिक्के की तरह लाभदायक नहीं रह गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने और 5 रुपये के मोटे सिक्कों को बंद करने के पीछे मजबूत कारण थे। 2000 रुपये के नोटों की उपयोगिता में कमी के कारण इसे बंद कर दिया गया, जबकि 5 रुपये के सिक्कों को तस्करी के कारण। नई व्यवस्था में बदलाव और डिज़ाइन में सुधार के बाद यह समस्या काफी हद तक हल हो गई है।