भीषण ठंड के कारण पाकिस्तान के लाहौर प्रांत में शिक्षा विभाग ने सरकारी और निजी स्कूलों के लिए 20 दिसंबर 2024 से 10 जनवरी 2025 तक शीतकालीन अवकाश की घोषणा की है। इस 24 दिन के अवकाश के बाद, चूंकि 11 और 12 जनवरी को सप्ताहांत रहेगा, स्कूल सीधे 13 जनवरी 2025 को फिर से खुलेंगे। जम्मू-कश्मीर से आने वाली ठंडी हवाओं के चलते लाहौर का तापमान इस समय 0.9 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है, जिससे यह पाकिस्तान का सबसे ठंडा शहर बन गया है।
भारत के पंजाब में भी शीतकालीन अवकाश की घोषणा
भारत के पंजाब राज्य में भी कड़ाके की सर्दी के मद्देनज़र भगवंत मान सरकार ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों के लिए 24 दिसंबर 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक शीतकालीन अवकाश का ऐलान किया है। इसके बाद स्कूल 1 जनवरी 2025 से नियमित समय पर खुलेंगे।
ठंड से बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार का कदम
दोनों देशों की सरकारों का यह कदम बच्चों को सर्दी के बढ़ते प्रभाव से बचाने के लिए उठाया गया है। खासकर छोटे बच्चों के लिए भीषण ठंड में स्कूल जाना स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है। शीतकालीन अवकाश के माध्यम से बच्चों को आराम और घर पर सुरक्षित वातावरण में पढ़ाई करने का समय मिल रहा है।
नियमों का सख्ती से पालन
पंजाब सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश सभी सरकारी, निजी सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगा। शिक्षा विभाग ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सर्दी का असर भारत और पाकिस्तान दोनों पर
लाहौर और पंजाब में घोषित इन अवकाशों की पृष्ठभूमि में ठंड का व्यापक प्रभाव है, जो भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के उत्तरी इलाकों में देखा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे क्षेत्रों में भीषण ठंड ने जनजीवन को प्रभावित किया है।
शीतकालीन अवकाश का महत्व
सर्दियों के दौरान स्कूल बंद रखने का निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। ठंड के दिनों में सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाने से बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इन छुट्टियों से बच्चों को न केवल सर्दी से राहत मिलती है, बल्कि उन्हें पढ़ाई और परिवार के साथ समय बिताने का मौका भी मिलता है।