
जब आप किसी फ्रिज-Refrigerator की खरीदारी करने जाते हैं तो सबसे पहले जो चीज़ आपकी नजर पकड़ती है वो है उसकी कैपेसिटी, जो आमतौर पर ‘लीटर-Litre’ में दी जाती है। बहुत से लोग अब भी यही मानते हैं कि लीटर केवल तरल पदार्थ जैसे दूध या पानी को मापने के लिए होता है, तो फिर सवाल उठता है कि फ्रिज जैसे सॉलिड चीज में लीटर की गणना कैसे और क्यों होती है? यहीं से शुरू होती है असली कंफ्यूज़न की कहानी।
दरअसल, फ्रिज में लीटर उस यूनिट को दर्शाता है जिससे उसकी आंतरिक क्षमता या कहें तो स्टोरेज स्पेस का माप किया जाता है। यह संख्या यह बताती है कि उस फ्रिज में आप कितना सामान स्टोर कर सकते हैं, चाहे वो फल-सब्ज़ी हो, पानी की बोतलें हों या बचा हुआ खाना।
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लीटर का असली मतलब फ्रिज में क्या होता है?
जब आप किसी फ्रिज पर 190 लीटर, 250 लीटर या 350 लीटर लिखा हुआ देखते हैं, तो इसका मतलब है कि उस फ्रिज का कुल आंतरिक वॉल्यूम (आयतन) कितना है। यहां लीटर एक मापन इकाई है जो दर्शाती है कि फ्रिज के अंदर कितनी जगह उपलब्ध है। 1 लीटर = 1,000 घन सेंटीमीटर यानी 10x10x10 सेमी का एक क्यूब होता है।
इससे यह समझना आसान हो जाता है कि उस फ्रिज में आप वास्तव में कितना सामान फिट कर पाएंगे। हालांकि, बहुत से लोग इसे केवल मोटे तौर पर समझते हैं और असल में लीटर का उपयोग कैसे किया जा रहा है, यह नहीं जानते।
ग्रॉस और नेट कैपेसिटी – एक जरूरी फर्क
ग्राहकों के लिए सबसे बड़ा कंफ्यूज़न Gross Capacity और Net Capacity के बीच होता है। फ्रिज की ग्रॉस कैपेसिटी वह होती है जो पूरी जगह को मापती है, जिसमें मोटर, इंसुलेशन और सभी आंतरिक डिजाइन एलिमेंट्स भी शामिल होते हैं।
वहीं दूसरी ओर नेट कैपेसिटी वह वास्तविक जगह होती है जहां आप खाना रख सकते हैं। ये आम तौर पर ग्रॉस से 10-15% कम होती है। उदाहरण के लिए, अगर किसी फ्रिज की ग्रॉस कैपेसिटी 300 लीटर है, तो नेट कैपेसिटी लगभग 260 से 270 लीटर ही होगी।
इसलिए जब आप अगली बार फ्रिज खरीदने जाएं, तो केवल लीटर पर नहीं बल्कि यह भी जानें कि वह ग्रॉस है या नेट, ताकि आप अपनी जरूरत के मुताबिक सही फैसला ले सकें।
परिवार के हिसाब से फ्रिज की लीटर कैपेसिटी कैसे चुनें?
बहुत सारे ग्राहक यह सवाल करते हैं कि आखिर हमारे परिवार के लिए कितने लीटर का फ्रिज सही रहेगा? इसका सीधा संबंध आपके परिवार के आकार से है। यदि आपके परिवार में 1-2 सदस्य हैं, तो 150-250 लीटर का फ्रिज पर्याप्त है। वहीं 3-4 लोगों के लिए 250-350 लीटर और 5 या अधिक लोगों के लिए 350 लीटर से ज्यादा की कैपेसिटी वाला फ्रिज बेहतर रहता है।
यह डेटा भारतीय कंपनियों जैसे Haier द्वारा दिए गए सुझावों पर आधारित है, जिन्होंने ग्राहकों के व्यवहार और उपयोग की आदतों को देखकर यह मापदंड तय किया है।
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आखिर फ्रिज में लीटर का माप क्यों जरूरी है?
एक बहुत ही सिंपल लेकिन महत्वपूर्ण वजह यह है कि लीटर एक यूनिवर्सल यूनिट ऑफ वॉल्यूम है, जिससे दुनियाभर के फ्रिज मॉडल्स की तुलना आसानी से की जा सकती है। चाहे आप Whirlpool का मॉडल देखें या Samsung या LG का, सभी लीटर में कैपेसिटी दिखाते हैं।
इससे उपभोक्ताओं को एक समान आधार मिल जाता है जिसके जरिए वे अलग-अलग मॉडल्स को कंपेयर कर सकते हैं।
इसके अलावा, लीटर का उपयोग सिर्फ एक मार्केटिंग टूल नहीं है बल्कि यह ग्राहक को यह समझाने का एक साधन है कि उसे वास्तव में कितनी स्टोरेज स्पेस मिलने वाली है।
बाजार में कन्फ्यूजन क्यों है?
असल में, भारत जैसे देशों में जहां अभी भी अधिकतर खरीददारी अनुभव आधारित होती है, वहां तकनीकी टर्म्स को सही से समझना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लोग समझते हैं कि ज्यादा लीटर मतलब बड़ा फ्रिज, लेकिन यह जरूरी नहीं कि ज्यादा लीटर का फ्रिज आपकी जरूरत के मुताबिक सबसे बेहतर हो।
उदाहरण के तौर पर अगर आप एक छोटे घर में रहते हैं जहां जगह सीमित है, तो 250 लीटर का स्लीक मॉडल आपकी जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकता है, बजाय एक भारी-भरकम 400 लीटर वाले फ्रिज के।
तकनीकी रूप से लीटर कैसे मापा जाता है?
फ्रिज का माप एक क्यूबिक मीटर सिस्टम के तहत किया जाता है जिसे लीटर में बदला जाता है। यानी कि फ्रिज के हर सेक्शन की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई को नापा जाता है और उसका कुल घनत्व निकाला जाता है। यह डेटा फिर लीटर में कन्वर्ट होता है जिससे कंज्यूमर के लिए यह आसान हो जाता है कि वह उसे समझ सके।
इसके लिए इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमिशन (IEC) जैसे स्टैंडर्ड बॉडीज़ गाइडलाइंस भी जारी करती हैं, ताकि हर कंपनी एक समान मानकों पर फ्रिज का वॉल्यूम मापे।
आज भी 50% लोग क्यों रहते हैं कन्फ्यूज?
रिपोर्ट्स के मुताबिक अब भी लगभग आधे ग्राहक ऐसे हैं जो फ्रिज के लीटर को समझ नहीं पाते और केवल बाहरी डिजाइन या ब्रांडिंग के आधार पर खरीददारी कर बैठते हैं। इससे बाद में उन्हें या तो स्पेस की कमी होती है या फ्रिज जरूरत से बड़ा निकलता है, जिससे बिजली की खपत बढ़ जाती है।
इसलिए जरूरी है कि ग्राहक खुद भी समझें कि लीटर का मतलब क्या है और इसका क्या महत्व है।
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