हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं, जो विभिन्न पंचांगों के अनुसार 69 से 86 दिनों तक हो सकते हैं। विवाह की तिथियों का निर्धारण ग्रहों की स्थिति, नक्षत्रों और अन्य ज्योतिषीय कारकों के आधार पर किया जाता है। आइए, जनवरी से दिसंबर 2025 तक के विवाह के शुभ मुहूर्तों पर एक विस्तृत दृष्टि डालते हैं।
जनवरी 2025: शुभारंभ
खरमास की समाप्ति के बाद, 16 जनवरी से विवाह के शुभ मुहूर्त प्रारंभ होंगे। जनवरी में निम्नलिखित तिथियां विवाह के लिए शुभ मानी गई हैं:
- 16 जनवरी
- 17 जनवरी
- 18 जनवरी
- 19 जनवरी
- 20 जनवरी
- 21 जनवरी
- 22 जनवरी
- 23 जनवरी
- 24 जनवरी
- 26 जनवरी
- 27 जनवरी
फरवरी 2025: सर्वाधिक मुहूर्त
फरवरी माह में सबसे अधिक विवाह के शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं:
- 2 फरवरी
- 3 फरवरी
- 6 फरवरी
- 7 फरवरी
- 8 फरवरी
- 12 फरवरी
- 13 फरवरी
- 14 फरवरी
- 15 फरवरी
- 16 फरवरी
- 18 फरवरी
- 19 फरवरी
- 21 फरवरी
- 23 फरवरी
- 25 फरवरी
मार्च 2025: सीमित अवसर
मार्च में होलाष्टक और खरमास के कारण विवाह के मुहूर्त सीमित हैं:
- 1 मार्च
- 2 मार्च
- 6 मार्च
- 7 मार्च
- 12 मार्च
अप्रैल 2025: पुनः शुभारंभ
खरमास की समाप्ति के बाद अप्रैल में विवाह के लिए शुभ तिथियां हैं:
- 14 अप्रैल
- 16 अप्रैल
- 18 अप्रैल
- 19 अप्रैल
- 20 अप्रैल
- 21 अप्रैल
- 25 अप्रैल
- 29 अप्रैल
- 30 अप्रैल
मई 2025: शहनाइयों की गूंज
मई माह में विवाह के कई शुभ मुहूर्त हैं:
- 1 मई
- 5 मई
- 6 मई
- 8 मई
- 10 मई
- 14 मई
- 15 मई
- 16 मई
- 17 मई
- 18 मई
- 22 मई
- 23 मई
- 24 मई
- 27 मई
- 28 मई
जून 2025: सीमित मुहूर्त
जून में विवाह के लिए कुछ ही शुभ तिथियां हैं:
- 2 जून
- 4 जून
- 5 जून
- 7 जून
- 8 जून
जुलाई से अक्टूबर 2025: चातुर्मास
जुलाई से अक्टूबर तक चातुर्मास के कारण विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है, क्योंकि इस अवधि में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं।
नवंबर 2025: पुनः शुभारंभ
देवोत्थान एकादशी के बाद नवंबर में विवाह के मुहूर्त उपलब्ध हैं:
- 2 नवंबर
- 3 नवंबर
- 6 नवंबर
- 8 नवंबर
- 12 नवंबर
- 13 नवंबर
- 16 नवंबर
- 17 नवंबर
- 18 नवंबर
- 21 नवंबर
- 22 नवंबर
- 23 नवंबर
- 25 नवंबर
- 30 नवंबर
दिसंबर 2025: वर्ष का समापन
दिसंबर में विवाह के लिए निम्नलिखित तिथियां शुभ मानी गई हैं:
- 4 दिसंबर
- 5 दिसंबर
- 6 दिसंबर
विशेष ध्यान
विवाह की तिथि निर्धारित करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श करना उचित रहेगा, ताकि व्यक्तिगत कुंडली और परिस्थितियों के आधार पर सही मुहूर्त का चयन किया जा सके।