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RBI का बड़ा फैसला, इन 11 बैंकों का लाइसेंस रद्द, हमेशा के लिए हुए बंद, देखें पूरी लिस्ट

RBI ने 2024 में 11 बैंकों का लाइसेंस रद्द कर दिया है। कमजोर वित्तीय स्थिति और नियमों का उल्लंघन इन बैंकों के बंद होने की मुख्य वजह बने। ग्राहकों को DICGC के तहत 5 लाख रुपये तक की बीमा सुरक्षा मिलती है। आरबीआई का यह कदम ग्राहकों के हितों की रक्षा और बैंकिंग क्षेत्र में अनुशासन बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

By PMS News
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RBI का बड़ा फैसला, इन 11 बैंकों का लाइसेंस रद्द, हमेशा के लिए हुए बंद, देखें पूरी लिस्ट
RBI का बड़ा फैसला

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2024 में ग्राहकों के हितों की सुरक्षा और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 11 सहकारी बैंकों का लाइसेंस रद्द कर दिया। इन बैंकों को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है, जिससे अब ये कोई भी वित्तीय लेनदेन नहीं कर सकते। आरबीआई ने अपने नोटिस में स्पष्ट किया कि इन बैंकों की वित्तीय स्थिति कमजोर थी, जिससे जमाकर्ताओं के पैसे खतरे में थे।

क्यों रद्द हुए इन बैंकों के लाइसेंस?

आरबीआई द्वारा जारी बयान के अनुसार, इन बैंकों के पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी और न ही उनके पास भविष्य में सुधार की कोई संभावना थी। 1949 के बैंकिंग नियमन अधिनियम के तहत इनके द्वारा किए गए उल्लंघन जमाकर्ताओं के हितों के खिलाफ थे। इसके अलावा, ये बैंक अपने जमाकर्ताओं को पुनर्भुगतान करने में असमर्थ साबित हुए।

2024 में लाइसेंस रद्द किए गए बैंक

इस साल जिन बैंकों के लाइसेंस रद्द किए गए, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

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  • दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, विजयवाड़ा
  • श्री महालक्ष्मी मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दाभोई
  • द हिरीयुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हिरीयुर
  • जय प्रकाश नारायण नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बसमथनगर
  • बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वाराणसी

ग्राहकों के लिए राहत

जब किसी बैंक का लाइसेंस रद्द होता है, तो DICGC अधिनियम 1961 के तहत ग्राहक अपनी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का बीमा दावा प्राप्त कर सकते हैं। यह राशि बैंक के दिवालिया होने की स्थिति में भी ग्राहकों को प्रदान की जाती है। हालांकि, ग्राहकों को दावा प्रक्रिया पूरी करने के लिए बैंक और संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय करना पड़ता है।

आरबीआई के कड़े कदम

आरबीआई का यह कदम जमाकर्ताओं के हितों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। इसके साथ ही, यह बैंकिंग क्षेत्र में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे भविष्य में किसी भी वित्तीय संस्थान के साथ जुड़ने से पहले उसकी साख और वित्तीय स्थिति का आकलन कर लें।

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