1 फरवरी 2025 से देश में टीवी देखने वालों के लिए बड़ा झटका लगने वाला है। बड़े ब्रॉडकास्टर्स ने अपने चैनल्स की कीमतें बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे पेड डीटीएच (DTH) सेवाओं के उपयोगकर्ताओं को ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब OTT प्लेटफॉर्म्स जैसे नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम की पॉपुलैरिटी तेजी से बढ़ रही है। सवाल उठता है कि डीटीएच यूजर्स की संख्या घटने के बावजूद टीवी चैनल्स के दाम क्यों बढ़ाए जा रहे हैं?
कीमतें बढ़ाने की वजहें
ब्रॉडकास्टर्स का कहना है कि कंटेंट तैयार करने की लागत में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं, विज्ञापनों से होने वाली कमाई में गिरावट दर्ज की गई है। उच्च गुणवत्ता वाले कंटेंट को बनाए रखने और ऑपरेटिंग कॉस्ट को कवर करने के लिए चैनल्स की कीमतें बढ़ाई जा रही हैं। इसके अलावा, नए कंटेंट निर्माण और बेहतर तकनीक अपनाने की जरूरत ने भी इस वृद्धि को अनिवार्य बना दिया है।
कितना होगा दामों में इजाफा?
हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रमुख ब्रॉडकास्टर्स जैसे सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) और ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) ने अपने पैकेज प्राइस में 10% से अधिक वृद्धि की घोषणा की है। SPNI का “हैप्पी इंडिया स्मार्ट हिंदी पैक” अब 48 रुपये से बढ़कर 54 रुपये का होगा। वहीं, ज़ी का “फैमिली पैक हिंदी SD” 47 रुपये से बढ़कर 53 रुपये का हो जाएगा, जिसमें एक नया इंग्लिश चैनल “जी कैफे” भी जोड़ा गया है।
OTT प्लेटफॉर्म्स का बढ़ता प्रभाव
OTT प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती लोकप्रियता डीटीएच सब्सक्राइबर्स की संख्या में गिरावट का मुख्य कारण बन रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 120 मिलियन से अधिक पेड टीवी यूजर्स की संख्या अब घटकर 100 मिलियन रह गई है। TRAI के अनुसार, 2024 के अंत तक प्रमुख डीटीएच ऑपरेटर्स जैसे एयरटेल डिजिटल टीवी, डिश टीवी, टाटा प्ले, और सन डायरेक्ट के एक्टिव पेड यूजर्स घटकर 59.91 मिलियन रह गए।