
Traffic Challan in Jharkhand इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि राज्य में हर दिन 25,000 से अधिक चालान काटे जा रहे हैं। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए झारखंड पुलिस पूरी तरह से डिजिटल सिस्टम पर भरोसा कर रही है और ई-चालान के जरिए सख्त कार्रवाई कर रही है।
राज्य में कई लोग ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे हैं, जिससे आए दिन एक हजार लोगों का चालान कट रहा है। ऐसे में क्या है राज्य सरकार की ई-चालान प्रणाली और कैसे इसके जरिए राज्य में ट्रैफिक नियमों में सुधार हो सकेगा चलिए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी।
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ई-चालान प्रणाली से हुआ ट्रैफिक कंट्रोल आसान
ई-चालान प्रणाली पूरी तरह ऑटोमैटिक और कैमरा-आधारित है। किसी वाहन चालक द्वारा नियम तोड़ने पर सिस्टम वीडियो फुटेज और वाहन नंबर के आधार पर चालान जनरेट करता है, जिसे सीधे मोबाइल और ईमेल पर भेजा जाता है। इससे फिजिकल रुकावट और बहस की गुंजाइश खत्म हो गई है।
झारखंड बना चालान काटने में टॉप राज्य
झारखंड ने चालान काटने की संख्या में कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। औसतन हर दिन 25,000 से ज्यादा चालान काटे जाते हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा चालान बिना हेलमेट, ओवरस्पीडिंग, मोबाइल फोन पर बात करने, रेड लाइट क्रॉस करने और बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाने पर होते हैं।
जुर्माने की दर और मोटर व्हीकल एक्ट के नियम
नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत झारखंड में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर भारी जुर्माने लगाए जाते हैं। जैसे कि बिना हेलमेट पर ₹1,000, मोबाइल पर बात करने पर ₹5,000 तक का चालान और बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने पर ₹5,000 तक का दंड।
ऑनलाइन चालान जांच और भुगतान की सुविधा
ट्रैफिक चालान चेक करने और भुगतान करने के लिए झारखंड पुलिस की वेबसाइट या Parivahan पोर्टल का उपयोग किया जा सकता है। वाहन नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर या चालान नंबर डालकर कोई भी व्यक्ति चालान की जानकारी प्राप्त कर सकता है और UPI, नेट बैंकिंग, वॉलेट्स आदि के जरिए भुगतान कर सकता है।
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गलत चालान पर शिकायत दर्ज की सुविधा
यदि किसी वाहन चालक को लगता है कि उसके खिलाफ गलत चालान जारी किया गया है, तो वह झारखंड पुलिस या परिवहन मंत्रालय की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कर सकता है। इसके लिए चालान डिटेल्स, फोटो/वीडियो प्रूफ और पहचान पत्र अपलोड करना जरूरी होता है। शिकायत जांच के बाद सही होने पर उसे रद्द भी किया जा सकता है।
पारदर्शिता और भ्रष्टाचार में कमी
ई-चालान प्रणाली के चलते ट्रैफिक व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ी है और ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई में सुधार हुआ है। कैमरा फुटेज के आधार पर चालान काटे जाने से भ्रष्टाचार की संभावना भी कम हुई है, जिससे नागरिकों का भरोसा प्रणाली पर बढ़ा है।
जागरूकता अभियान और सड़क सुरक्षा
झारखंड सरकार और पुलिस विभाग मिलकर स्कूलों, कॉलेजों और शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक नियमों को लेकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं। पोस्टर, बैनर, सोशल मीडिया और सामुदायिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को नियमों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।
जनहित में ट्रैफिक नियमों का पालन जरूरी
ट्रैफिक नियमों का पालन न केवल कानूनी बाध्यता है बल्कि यह खुद की और दूसरों की जान की सुरक्षा का प्रश्न भी है। चालान से बचने का सबसे आसान तरीका है कि वाहन चलाते समय नियमों का पूरी तरह पालन करें।
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