दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए डीजल वाहनों (Diesel Vehicles) की उम्र को लेकर सख्त नियम लागू किए गए थे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से डीजल वाहनों की उम्र 10 साल और पेट्रोल वाहनों की 15 साल तय की थी। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के लिए इस नियम में बदलाव करते हुए डीजल वाहनों की उम्र को बढ़ाकर 15 साल करने की मंजूरी दी है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने SPG के तीन बख्तरबंद डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अवधि 10 से बढ़ाकर 15 साल कर दी है। यह निर्णय जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने दिया। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि ये वाहन SPG की सुरक्षा प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और इनका जल्दी संचालन बंद करना व्यावहारिक नहीं होगा।
क्यों बढ़ाई गई 5 साल की अवधि?
अदालत ने यह फैसला SPG की सुरक्षा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया। बख्तरबंद वाहन विशेष तकनीकी और संरचनात्मक उपकरणों से लैस होते हैं, जो VIP सुरक्षा के लिए अपरिहार्य हैं। इस आधार पर कोर्ट ने इन्हें पांच साल की अतिरिक्त अनुमति दी, ताकि SPG की कार्यक्षमता प्रभावित न हो।
डीजल वाहनों पर जारी रहेगा अन्य नियमों का पालन
हालांकि, यह विशेष छूट केवल SPG के तीन बख्तरबंद वाहनों पर लागू होगी। अन्य डीजल वाहन अभी भी 10 साल की उम्र के नियम का पालन करेंगे। इस फैसले के बाद यह स्पष्ट है कि सुप्रीम कोर्ट पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।