भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर मेरठ में ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। इस कड़ी में आर्मी इंटेलिजेंस और उत्तर प्रदेश एसटीएफ की संयुक्त कार्यवाही ने एक आरोपी, राहुल कुमार, को गिरफ्तार किया है। राहुल पर आरोप है कि वह सेना और अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों से ठगी करता था। बताया जा रहा है कि वह एक कैंडिडेट से 20 से 25 लाख रुपए तक की मोटी रकम वसूलता था।
राहुल कुमार की गिरफ्तारी और ठगी का तरीका
जानकारी के मुताबिक, राहुल कुमार को मेरठ के तेल डिपो रेलवे फाटक के पास गिरफ्तार किया गया। वह अपने साथियों के साथ मिलकर एक संगठित तरीके से लोगों को ठगता था। आरोपी ने भारतीय सेना के फर्जी एडमिट कार्ड तैयार किए थे और नौकरी के सपने दिखाकर भोले-भाले युवाओं को अपने जाल में फंसाता था। पुलिस ने उसके पास से कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनमें भारतीय सेना के पांच नकली एडमिट कार्ड भी शामिल हैं।
पूर्व मामले और गिरोह की कार्यप्रणाली
यह पहली बार नहीं है जब सेना में भर्ती के नाम पर ठगी का मामला सामने आया हो। पिछले महीने भी एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस के एक संयुक्त अभियान में ऐसा ही एक गिरोह आगरा में पकड़ा गया था। इस मामले में धीरेंद्र उर्फ मनोज को गिरफ्तार किया गया था, जो सेना के कैंटीन स्टोर डिपो में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था। वह अस्थायी कंप्यूटर ऑपरेटर था और लोगों से भारी रकम वसूलने के बाद फर्जी नियुक्ति पत्र थमा देता था।
गिरफ्तारी के दौरान बरामद सामान
धीरेंद्र की गिरफ्तारी के समय उसके पास से आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, बैंक ट्रांजेक्शन दस्तावेज, एटीएम कार्ड, दो मोबाइल फोन, एक बाइक, और 600 रुपये नकद बरामद हुए थे। यह गिरफ्तारी एक शिकायतकर्ता, अनिल यादव, की शिकायत पर हुई थी, जिसमें उसने बताया कि सेना के कैंटीन स्टोर डिपो में नौकरी दिलाने के नाम पर उससे ठगी की गई थी।
ठगी के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई
इन मामलों से स्पष्ट होता है कि सेना भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह सुनियोजित तरीके से काम कर रहे हैं। प्रशासनिक एजेंसियां अब इन गिरोहों को खत्म करने के लिए सक्रिय हो चुकी हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से जुड़े नेटवर्क और उनके अन्य साथियों की पहचान की जा रही है।