गिफ्ट डीड (Gift Deed) एक कानूनी दस्तावेज है, जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति बिना किसी भुगतान के दूसरे व्यक्ति को उपहार में दे सकता है। यह दस्तावेज केवल संपत्ति का हस्तांतरण नहीं करता, बल्कि इसे कानूनी मान्यता देता है। भारत में, गिफ्ट डीड पर स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण अनिवार्य है। राज्यों में स्टाम्प शुल्क अलग-अलग होता है, जो प्रॉपर्टी के मूल्य के 2% से 8% तक हो सकता है।
स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण प्रक्रिया
स्टाम्प शुल्क कौन देता है?
गिफ्ट डीड रजिस्ट्रेशन के दौरान स्टाम्प शुल्क और अन्य फीस आमतौर पर दानकर्ता (Donor) द्वारा दी जाती है। यदि प्राप्तकर्ता (Recipient) इसका भुगतान करता है, तो यह गिफ्ट के बजाय संपत्ति बिक्री मानी जा सकती है।
भारतीय राज्यों में 2024 में गिफ्ट डीड पर स्टाम्प शुल्क
वह राज्य, जहां गिफ्ट डीड रजिस्टर्ड है | संपत्ति के मूल्य के आधार पर स्टाम्प शुल्क (प्रतिशत में) | संपत्ति मूल्य के आधार पर रजिस्ट्री शुल्क का प्रतिशत |
उत्तर प्रदेश | रक्त संबंधियों के बीच संपत्ति विनिमय के लिए 5,000 रुपए + 1,000 रुपए प्रोसेसिंग फीस | 1 % |
हरियाणा | 5 % | 1% |
दिल्ली | 4 % | 1 % |
महाराष्ट्र | रक्त संबंधियों के बीच संपत्ति विनिमय के लिए 200 रुपए3 फीसदी | 1 % |
गुजरात | 3.5 % | 1 % |
राजस्थान | 6 % | 1 % |
मध्य प्रदेश | 5 % | 1 % |
आंध्र प्रदेश | 2 % | 0.5 % |
हिमाचल प्रदेश | 6 % | 1 % |
तमिलनाडु | 7 % | 1 % |
कर्नाटक | 5 % | 1 % |
पंजाब | 6 % | 1 % |
बिहार | 5.7 % (महिलाओं के लिए) और 6 % (पुरुषों के लिए) | 1 % |
झारखंड | 3 % | 1 % |
केरल | 2 % | 1 % |
मध्य प्रदेश | 2.5% | 1% |
छत्तीसगढ | 5% | 1% |
उत्तराखंड | 5 % | 1 % |
हिमाचल प्रदेश | 5 से 6 % | 1 % |
ओडिशा | 3 % | 1 % |
तेलंगाना | 0.5% (न्यूनतम 1,000 रुपये और अधिकतम 10,000 रुपये तक) | 1 % |
जम्मू और कश्मीर | 3 से 7 फीसदी | 1 % |
असम | 5.6 % | 1 % |
चंडीगढ़ | 5 % | 1 % |
गोवा | रक्त संबंधियों के बीच संपत्ति विनिमय के लिए 5,000 रुपए | 1 % |
मणिपुर | 7% | 1% |
सिक्किम | 1% | 1% |
अरुणाचल प्रदेश | 6% | 1% |
- महाराष्ट्र: रक्त संबंधियों के लिए केवल 200 रुपये।
- दिल्ली: 4% स्टाम्प शुल्क।
- तमिलनाडु: 7% स्टाम्प शुल्क।
गिफ्ट डीड पर आयकर के नियम
क्या गिफ्ट टैक्स-मुक्त है?
यदि प्राप्तकर्ता को गिफ्ट की कुल कीमत 50,000 रुपये से कम है, तो इसे आयकर (Income Tax) से छूट मिलती है। हालांकि, 50,000 रुपये से अधिक कीमत के गिफ्ट पर टैक्स देना होगा। करीबी रिश्तेदारों के बीच दी गई संपत्तियों पर यह छूट लागू होती है।
गिफ्ट पर टैक्स का गणना कैसे होती है?
यदि प्रॉपर्टी को बेच दिया जाए, तो लाभ पर टैक्स लगाया जाएगा। यह टैक्स संपत्ति की होल्डिंग अवधि (Holding Period) के आधार पर अल्पकालिक (Short Term) या दीर्घकालिक (Long Term) हो सकता है।
गिफ्ट डीड कैसे बनाएं?
- लिखित प्रारूप: गिफ्ट डीड को लिखित रूप में तैयार किया जाता है। इसमें प्रॉपर्टी का विवरण और दानकर्ता-प्राप्तकर्ता की जानकारी दी जाती है।
- गवाह: दस्तावेज़ पर कम से कम दो गवाहों के हस्ताक्षर जरूरी हैं।
- पंजीकरण: स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान कर इसे स्थानीय रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत कराना अनिवार्य है।
- स्वीकृति: प्राप्तकर्ता को दानकर्ता के जीवनकाल में गिफ्ट स्वीकार करना होगा।
गिफ्ट डीड रद्द करने के प्रावधान
क्या गिफ्ट डीड वापस लिया जा सकता है?
गिफ्ट डीड को वापस लेने के लिए ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट (Transfer of Property Act) के सेक्शन 126 का पालन करना होता है। दानकर्ता केवल तभी गिफ्ट वापस ले सकता है, जब डीड में इसे रद्द करने की शर्त लिखी गई हो।
रक्त संबंधियों के लिए विशेष छूट
कुछ राज्यों में रक्त संबंधियों को गिफ्ट पर छूट मिलती है। उदाहरण के लिए:
- महाराष्ट्र में भाइयों या पिता से बेटे को प्रॉपर्टी गिफ्ट करने पर स्टाम्प शुल्क 200 रुपये तक सीमित है।
- उत्तर प्रदेश में यह शुल्क 5,000 रुपये है।