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आपके पास भी यह नोट है? RBI नहीं जारी करता ये नोट, ना ही गवर्नर के होते साइन, जानें

भारत में 1 रुपये का नोट भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नहीं, बल्कि भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है। इस पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं, जो इसे अन्य करेंसी नोटों से अलग बनाता है। यह नोट भारत की ऐतिहासिक और आर्थिक धरोहर का प्रतीक है।

By PMS News
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आपके पास भी यह नोट है? RBI नहीं जारी करता ये नोट, ना ही गवर्नर के होते साइन, जानें
Right to issue currency in India

भारत में आमतौर पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के माध्यम से सभी नोट और सिक्के जारी किए जाते हैं, जिन पर गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं। हालांकि, एक रुपये का नोट इस नियम का अपवाद है, जिसे RBI नहीं बल्कि भारत सरकार जारी करती है। इस लेख में हम इस अनोखे नोट के बारे में जानेंगे और इससे जुड़े इतिहास पर नजर डालेंगे।

भारत में करेंसी जारी करने का अधिकार

भारतीय रिजर्व बैंक का मुख्य कार्य देश में करेंसी जारी करना है। इसके लिए केंद्रीय बैंक के पास कई नियम और अधिकार हैं, जिनका पालन करना होता है। RBI के पास ₹2 से लेकर ₹2000 तक के नोट जारी करने का अधिकार है, परन्तु धारा 22 और धारा 24 में स्पष्ट किया गया है कि 1 रुपये का नोट केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाएगा। इसलिए, 1 रुपये का नोट आरबीआई गवर्नर की जगह वित्त सचिव के हस्ताक्षर से जारी होता है।

भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना और करेंसी अधिकार

भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी। इससे पहले भारत सरकार ही करेंसी जारी करती थी। हालांकि, स्वतंत्रता के बाद RBI को अधिकतर करेंसी जारी करने का अधिकार दिया गया, लेकिन 1 रुपये का नोट केंद्र सरकार के अधीन ही रहा। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1940 में भारत सरकार ने अपने स्तर से 1 रुपये का सिक्का जारी किया, जो आज भी प्रचलित है।

1 रुपये का नोट और इसका अनूठा इतिहास

1 रुपये के नोट का इतिहास काफी रोचक है। सबसे पहले 30 नवंबर 1917 को इस नोट का मुद्रण किया गया, जिसमें किंग जॉर्ज पंचम की तस्वीर थी। लेकिन 1926 में इसकी छपाई बंद कर दी गई। इसके बाद 1940 में इसे फिर से प्रचलन में लाया गया। दूसरी बार 1994 में इस नोट की छपाई बंद की गई, जिसे 2015 में दोबारा शुरू किया गया।

भारतीय करेंसी का प्रतीक और पहचान

भारतीय रुपये का प्रतीक “₹” है, जो देवनागरी अक्षर “र” और अंग्रेजी अक्षर “R” का मिश्रण है। इस प्रतीक को 2010 में अपनाया गया था और इसे भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रतीक मानते हुए स्वीकारा गया। इससे भारतीय करेंसी की एक विशिष्ट पहचान बनी है, जो विश्व स्तर पर भारत की आर्थिक स्थिति को दर्शाती है।

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FAQs

1. 1 रुपये के नोट पर गवर्नर के हस्ताक्षर क्यों नहीं होते?
1 रुपये का नोट आरबीआई द्वारा नहीं, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है, इसलिए इस पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं।

2. क्या 1 रुपये का नोट अब भी प्रचलन में है?
हाँ, 1 रुपये का नोट अभी भी प्रचलन में है और इसे 2015 में दोबारा जारी किया गया था।

3. भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना कब हुई थी?
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी।

4. भारतीय रुपये का प्रतीक क्या है और इसे कब अपनाया गया?
भारतीय रुपये का प्रतीक “₹” है, जिसे 2010 में अपनाया गया था।

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