Bank account: पहले के समय में लोग बैंकिंग के काम के लिए बैंकों पर पूरी तरह निर्भर रहते थे। छुट्टियों या हड़ताल के चलते बैंक बंद होने पर लोग पैसे निकालने के लिए लंबी कतारों में खड़े रहते थे। लेकिन अब डिजिटल बैंकिंग के चलते हालात बदल गए हैं। अब लोग बैंकों की कतार में खड़े हुए बिना अपने मोबाइल या कंप्यूटर से घर बैठे ही पैसों का लेन-देन कर सकते हैं।
डिजिटल बैंकिंग से क्या बदल गया?
आज के समय में लगभग 80% वयस्क लोग बैंकिंग सेवाओं से जुड़े हुए हैं। डिजिटल बैंकिंग से न सिर्फ लोगों को फायदा हुआ है, बल्कि सरकार के लिए भी जनता तक सुविधाएं पहुंचाना आसान हो गया है। बैंक अकाउंट में पैसे रखने पर ब्याज भी मिलता है, जिससे बचत बढ़ती है और पैसा सुरक्षित भी रहता है।
सेविंग अकाउंट में कितनी रकम रख सकते हैं?
सेविंग अकाउंट में कितनी भी रकम जमा कर सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है। लेकिन इनकम टैक्स विभाग के नियमों के मुताबिक, अगर आप एक वित्त वर्ष (अप्रैल से मार्च) में 10 लाख रुपये से ज्यादा जमा करते हैं, तो इसकी जानकारी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) को देना जरूरी है। ऐसा न करने पर टैक्स विभाग आपके जमा पैसों का स्रोत पूछ सकता है।
पैसों का स्रोत न बताने पर पड़ेगा भारी जुर्माना
यदि आपने एक साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा जमा किए हैं, तो इनकम टैक्स विभाग को आपके पैसों का स्रोत पता होना चाहिए। अगर वे आपके दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं होते हैं, तो वे जांच कर सकते हैं। अगर गड़बड़ी पाई गई, तो टैक्स विभाग भारी जुर्माना लगा सकता है, जिसमें जमा रकम पर 60% टैक्स, 25% सरचार्ज और 4% सेस शामिल हो सकता है।
सेविंग अकाउंट में पैसा रखना ठीक है या नहीं?
बचत खाते में बहुत ज्यादा पैसा रखना सही नहीं माना जाता। सेविंग अकाउंट में मिलने वाला ब्याज काफी कम होता है। इस रकम को आप म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार, या फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश कर सकते हैं, जहां आपको बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
अगर आप बिना किसी जोखिम के निवेश करना चाहते हैं, तो फिक्स्ड डिपॉजिट एक अच्छा विकल्प है। इसमें आपका पैसा सुरक्षित रहता है और समय के साथ उस पर ब्याज भी मिलता है।