CIBIL स्कोर एक महत्वपूर्ण तीन-अंकीय नंबर है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और वित्तीय साख को दर्शाता है। बैंक और वित्तीय संस्थान इसे लोन देने, क्रेडिट कार्ड की मंजूरी, और ब्याज दर तय करने में उपयोग करते हैं। यदि आपका CIBIL स्कोर खराब हो जाता है, तो लोन प्राप्त करना कठिन हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने CIBIL स्कोर से जुड़ी प्रक्रियाओं को पारदर्शी और ग्राहक हितैषी बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य ग्राहकों को उनकी क्रेडिट स्थिति के प्रति अधिक जागरूक करना और सुधार के लिए अवसर प्रदान करना है।
CIBIL स्कोर का नए नियम
डिफॉल्ट से पहले चेतावनी अनिवार्य
अब बैंक और वित्तीय संस्थान डिफॉल्टर ग्राहकों की जानकारी CIBIL को भेजने से पहले उन्हें सूचित करेंगे। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि ग्राहक को समय रहते जानकारी मिले और वह अपने CIBIL स्कोर को खराब होने से बचा सके।
इसके साथ ही, जब भी कोई कंपनी आपके CIBIL स्कोर को चेक करती है, तो आपको ईमेल या SMS के जरिए इसकी जानकारी दी जाएगी। यह कदम ग्राहकों के अधिकारों को और मजबूत बनाता है।
हर साल मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट का अधिकार
RBI के नए नियमों के अनुसार, हर ग्राहक को हर साल एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में प्राप्त करने का अधिकार होगा। यह मुफ्त रिपोर्ट ग्राहकों को यह जानने में मदद करती है कि उनका CIBIL स्कोर कैसा है और अगर इसमें कोई गलती है, तो उसे समय पर सुधारा जा सके।
शिकायत समाधान की समय सीमा
अगर किसी ग्राहक को अपने CIBIL स्कोर या क्रेडिट रिपोर्ट में कोई गलती दिखती है, तो वह संबंधित कंपनी के खिलाफ शिकायत कर सकता है। नई व्यवस्था के तहत, ऐसी शिकायतों का समाधान 30 दिनों के भीतर करना अनिवार्य होगा। अगर कंपनी ऐसा करने में विफल रहती है, तो उसे हर दिन के लिए 100 रुपये का जुर्माना भरना होगा।
ग्राहकों के लिए सुधार के उपाय
क्रेडिट स्कोर सुधारने की जानकारी अनिवार्य
अब बैंकों और NBFCs (Non-Banking Financial Companies) को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे ग्राहकों को उनके CIBIL स्कोर को सुधारने के लिए आवश्यक सुझाव और दिशा-निर्देश दें। यह जानकारी ईमेल या SMS के माध्यम से दी जा सकती है। उदाहरण के लिए, ग्राहक को यह बताया जा सकता है कि समय पर कर्ज चुकाने, क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग करने, और अपने क्रेडिट लिमिट का अधिकतम 30% तक ही इस्तेमाल करने से उनका CIBIL स्कोर कैसे सुधर सकता है।
डिफॉल्ट से बचने का मौक
अगर किसी ग्राहक को CIBIL डिफॉल्टर घोषित किया जाता है, तो पहले उसे इसका नोटिस दिया जाएगा। इससे ग्राहक को बकाया राशि चुकाने का समय मिल जाएगा और वह अपने क्रेडिट स्कोर को खराब होने से बचा सकता है।
क्रेडिट संस्थानों के लिए दायित्व और पारदर्शिता
डिफॉल्ट और सूचना प्रक्रिया
नए नियमों के अनुसार, जब भी कोई ऋणदाता (लोन देने वाला) CIBIL स्कोर चेक करता है, तो उसे 21 दिनों के भीतर ग्राहक को इसकी जानकारी देनी होगी। अगर ऋणदाता ऐसा करने में विफल रहता है, तो उसे जुर्माना भरना पड़ेगा।
क्रेडिट ब्यूरो (जैसे CIBIL, क्रिसिल, या अमेरिकन एक्सप्रेस) को भी ग्राहकों की शिकायतों का समाधान 9 दिनों के भीतर करना होगा। अगर शिकायत का समाधान 30 दिनों के भीतर नहीं किया जाता, तो जुर्माने की प्रक्रिया लागू हो जाएगी।
वेबसाइट पर मुफ्त रिपोर्ट उपलब्ध कराना अनिवार्य
ऋणदाताओं को अपनी वेबसाइट पर हर साल ग्राहकों के लिए मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट उपलब्ध करानी होगी। इससे ग्राहक अपनी क्रेडिट रिपोर्ट आसानी से देख सकते हैं और अपने वित्तीय निर्णय तदनुसार ले सकते हैं।
ग्राहकों की मदद के लिए कदम
RBI के ये नए नियम ग्राहकों के हित में क्रेडिट प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाते हैं। अब ग्राहकों को उनकी क्रेडिट स्थिति की पूरी जानकारी समय पर मिलेगी। इसके अलावा, अगर ग्राहक अपने स्कोर में सुधार करना चाहते हैं, तो उन्हें इसके लिए स्पष्ट और उपयोगी सुझाव भी मिलेंगे।