उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए एक बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार ने e-KYC प्रक्रिया की अनिवार्यता को पूरा करने की समय सीमा को 31 दिसंबर 2024 से बढ़ाकर मार्च 2025 कर दिया है। इस विस्तार से लाखों लाभार्थियों को अपनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है। जिला पूर्ति अधिकारी (डीएसओ) के अनुसार, राशन कार्ड धारकों को अपने परिवार के सभी सदस्यों की ई-केवाईसी नजदीकी कोटे की दुकानों पर जाकर पूरी करनी होगी।
सभी सदस्यों की e-KYC अनिवार्य
शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, राशन कार्ड में शामिल सभी परिवार के सदस्यों की ई-केवाईसी अनिवार्य है। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में ई-केवाईसी प्रक्रिया बीते कुछ महीनों से जारी है, लेकिन अब तक केवल 67% यूनिट्स की प्रक्रिया पूरी हो पाई है। इसका मतलब है कि अभी भी 33% राशन कार्ड धारक इस प्रक्रिया से वंचित हैं। जिला पूर्ति अधिकारी खीरी, अंजनी कुमार सिंह के अनुसार, सभी लाभार्थियों को अपने आधार कार्ड के साथ उचित दर विक्रेता की दुकान पर जाकर यह प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करनी होगी।
फर्जी यूनिट्स की पहचान के लिए उठाया कदम
ई-केवाईसी की अनिवार्यता सरकार द्वारा राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए की गई है। यह कदम फर्जी यूनिट्स की पहचान और उन्हें हटाने में सहायक है। यदि किसी राशन कार्ड में फर्जी नाम जोड़े गए हैं, तो उन्हें ई-केवाईसी के जरिए हटाया जाएगा। यह प्रक्रिया गरीबों और वास्तविक लाभार्थियों को सशक्त बनाने का एक बड़ा प्रयास है।
सर्वर समस्या बनी बाधा
हालांकि, ई-केवाईसी प्रक्रिया के दौरान तकनीकी बाधाएं भी सामने आई हैं। सुलतानपुर जिले में अब तक 70% ई-केवाईसी कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन सर्वर की समस्याओं के कारण प्रक्रिया धीमी हो गई है। जिला पूर्ति अधिकारी जीवेश कुमार ने बताया कि राशन कार्ड धारकों को अपने परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड लेकर नजदीकी उचित दर विक्रेता की दुकान पर जाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि समय पर यह प्रक्रिया पूरी न करने पर लाभार्थी को राशन मिलना बंद हो सकता है।
जल्द निपटाएं e-KYC प्रक्रिया
सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि e-KYC प्रक्रिया को समय पर पूरा करना अनिवार्य है। जिन राशन कार्ड धारकों ने अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है, उन्हें तत्काल आधार कार्ड के साथ कोटे की दुकान पर जाकर प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। यह कदम राशन वितरण में पारदर्शिता और फर्जी लाभार्थियों को हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।