अब पाकिस्तान में लोगों को शेर, चीता और टाइगर जैसे खूंखार जानवर देखने के लिए चिड़ियाघर जाने की जरूरत नहीं होगी। पाकिस्तान सरकार ने एक नया नियम लागू किया है जिसके तहत देश के नागरिक इन खतरनाक जानवरों को अपने घर पर पाल सकेंगे। इसके लिए सिर्फ सरकार को एक निर्धारित फीस चुकानी होगी। यह कदम पाकिस्तान में पालतू जानवरों के रख-रखाव और एक्सोटिक एनिमल्स (Exotic Animals) के बढ़ते शौक को देखते हुए उठाया गया है।
शेर और टाइगर पालने के लिए चुकानी होगी सरकारी फीस
नए नियमों के अनुसार, जो व्यक्ति शेर (Lion), टाइगर (Tiger) या चीता (Cheetah) जैसे जानवरों को पालना चाहता है, उसे सरकार से लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए एक नाममात्र फीस निर्धारित की गई है, हालांकि इसका सटीक आंकड़ा अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। लाइसेंस प्राप्त करने के बाद ही इन जानवरों को घर पर रखने की अनुमति होगी।
क्या है सरकार का उद्देश्य?
सरकार का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य एक्सोटिक जानवरों की तस्करी पर रोक लगाना और इनके रख-रखाव को व्यवस्थित करना है। पाकिस्तान में पहले भी कई लोग इन जानवरों को अवैध रूप से पालते पाए गए हैं। अब इस प्रक्रिया को कानूनी रूप देने और इनकी देखभाल को बेहतर बनाने के लिए यह नियम लागू किया गया है। इसके साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन जानवरों की देखभाल के लिए विशेष मानक तय किए जाएंगे।
जानवरों की सुरक्षा पर भी जोर
इस कदम के साथ सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि जिन भी घरों में शेर, टाइगर और चीता रखे जाएंगे, वहां उनकी सुरक्षा और आराम का पूरा ध्यान रखा जाए। पालतू जानवर रखने वाले लोगों को सरकार की तरफ से विशेष गाइडलाइंस दी जाएंगी। इन गाइडलाइंस में जानवरों के लिए पर्याप्त जगह, भोजन, स्वास्थ्य जांच और सुरक्षा संबंधी सभी आवश्यक प्रावधान शामिल होंगे।
विवादों में नया नियम
हालांकि, इस फैसले को लेकर समाज में मतभेद भी उभर रहे हैं। कुछ पशु अधिकार कार्यकर्ता इस नियम का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जंगली जानवरों को घरों में रखना उनकी प्राकृतिक जीवन शैली के खिलाफ है। वहीं, दूसरी ओर कई लोग इस कदम का स्वागत कर रहे हैं और इसे पालतू जानवरों के शौकीनों के लिए एक शानदार अवसर मान रहे हैं।
शेर, टाइगर और चीता पालने वालों के लिए क्या हैं शर्तें?
पाकिस्तान सरकार ने ऐसे लोगों के लिए कुछ कड़े नियम और शर्तें रखी हैं जो इन जानवरों को पालना चाहते हैं। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
- जानवरों के लिए पर्याप्त स्थान और उनके आराम का ध्यान रखना।
- सरकार से लाइसेंस प्राप्त करना और निर्धारित फीस चुकाना।
- जानवरों की नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना।
- गाइडलाइंस के अनुसार इनके लिए उचित भोजन और अन्य व्यवस्थाएं करना।
क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय कानून?
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कई देशों में शेर, टाइगर और चीता जैसे जानवरों को घर में पालना प्रतिबंधित है। इन जानवरों को जंगली जीवन के लिए ही उपयुक्त माना जाता है। हालांकि, पाकिस्तान ने इस दिशा में एक नया कदम उठाया है और इसे नियंत्रित तरीके से लागू करने का निर्णय लिया है।
आर्थिक पहलू भी है अहम
इस नियम का एक और उद्देश्य आर्थिक है। सरकार को उम्मीद है कि लाइसेंस फीस और अन्य शुल्कों से राजस्व में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही एक्सोटिक एनिमल्स की देखभाल के लिए एक अलग इकोसिस्टम विकसित किया जा सकता है।
क्या होगा इस नियम का भविष्य?
हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नियम पाकिस्तान में कितना सफल होता है। जहां एक ओर इसे लेकर उत्साह है, वहीं दूसरी ओर पशु अधिकार संगठनों और पर्यावरणविदों की आलोचनाएं भी सामने आ रही हैं। यह समय बताएगा कि सरकार इस नियम को कितनी सख्ती और प्रभावी तरीके से लागू कर पाती है।