पाकिस्तान का पंजाब प्रांत इन दिनों गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहा है। लाहौर और मुल्तान जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, जिससे सरकार ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, सरकार ने कई कड़े फैसले लिए हैं, जिनमें लॉकडाउन, निर्माण कार्यों पर रोक, और स्कूलों को बंद करना शामिल है।
लाहौर और मुल्तान में AQI दो बार 2,000 के स्तर को पार कर चुका है, जिससे ये शहर लगातार दुनिया के सबसे प्रदूषित इलाकों में शुमार हो रहे हैं। पंजाब सरकार की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने इसे एक “स्वास्थ्य संकट” घोषित किया और बताया कि प्रदूषण से निपटने के लिए एक 10 वर्षीय जलवायु परिवर्तन नीति लागू की जाएगी। यह नीति बाढ़, प्राकृतिक आपदाओं, और पुनर्वास जैसे मुद्दों को प्राथमिकता देगी।
तीन दिन का लॉकडाउन और अन्य कड़े कदम
लाहौर और मुल्तान में बढ़ते स्मॉग को देखते हुए हफ्ते में तीन दिन—शुक्रवार, शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन रहेगा। इसके साथ ही, निर्माण कार्यों पर एक हफ्ते की रोक लगाई गई है। रेस्तरां और बाजारों के लिए भी नए नियम लागू किए गए हैं। अब रेस्तरां केवल शाम 4 बजे तक खुले रहेंगे, जबकि टेकअवे सेवा रात 8 बजे तक चालू रहेगी। बाजार और शॉपिंग मॉल रात 8 बजे तक बंद करने का निर्देश दिया गया है।
स्कूल और फैक्ट्रियों के लिए सख्त दिशा-निर्देश
सरकार ने हेल्थ इमरजेंसी के तहत लाहौर और मुल्तान के सभी स्कूलों को अनिश्चितकाल तक बंद रखने का निर्णय लिया है। फैक्ट्रियों को भी सख्त नियमों का पालन करना होगा, जिससे वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा, प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर कठोर निगरानी रखी जाएगी।
जलवायु परिवर्तन नीति और भविष्य की तैयारी
मरियम औरंगजेब ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक दीर्घकालिक नीति की घोषणा की। यह नीति न केवल वायु प्रदूषण बल्कि बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए भी तैयार की गई है। इस नीति में Renewable Energy और स्थायी विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।