केंद्रीय कैबिनेट ने 25 नवंबर को अपनी बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस फैसले के तहत 1,435 करोड़ रुपये की लागत से PAN 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) को सरकारी एजेंसियों के सभी डिजिटल सिस्टम के लिए एक ‘कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर’ के रूप में स्थापित करना है। इसका मतलब है कि अब PAN कार्ड एक केंद्रीय पहचान के रूप में काम करेगा, जिससे सरकारी सेवाओं का उपयोग करना और भी आसान हो जाएगा।
इस प्रोजेक्ट के तहत PAN कार्ड को अब QR कोड के साथ मुफ्त में अपग्रेड किया जाएगा। QR कोड के साथ नया PAN कार्ड न केवल सुरक्षा के लिहाज से बेहतर होगा, बल्कि यह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपयोग के लिए भी अधिक उपयुक्त होगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने इसे मंजूरी दी है। इस परियोजना के लिए 1,435 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
PAN 2.0 प्रोजेक्ट का उद्देश्य और इसके फायदे
PAN 2.0 प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य टैक्सपेयर्स के अनुभव को और बेहतर बनाना है। इसके तहत सरकारी सेवाओं को और भी डिजिटल तरीके से उपलब्ध कराया जाएगा। PAN कार्ड को एक डिजिटल पहचान पत्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसे विभिन्न सरकारी संस्थाएँ आसानी से पहचान सकेंगी। इसके परिणामस्वरूप, टैक्सपेयर्स को अपनी वित्तीय सेवाओं के लिए कम समय में अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
इसके अलावा, PAN कार्ड के जरिए सभी टैक्स और वित्तीय लेन-देन को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।
PAN 2.0 प्रोजेक्ट के तहत क्या बदलाव होंगे?
इस प्रोजेक्ट के तहत, PAN कार्ड को QR कोड के साथ अपडेट किया जाएगा। यह QR कोड डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आसानी से स्कैन किया जा सकेगा, जिससे एक ही बार में पहचान की पुष्टि हो जाएगी। यह बदलाव न केवल नागरिकों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि सरकारी सेवाओं की गति और सटीकता को भी बढ़ाएगा। अब किसी भी व्यक्ति को अपने PAN से जुड़ी किसी भी सेवा के लिए बार-बार दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होगी। डिजिटल पहचान से संबंधित सभी कार्य आसान हो जाएंगे।
इसके अलावा, इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य मौजूदा PAN/TAN 1.0 इकोसिस्टम को अपडेट करना है। PAN 2.0 सर्विस में टैक्सपेयर्स के रजिस्ट्रेशन और उनकी सेवा प्रदान करने की प्रक्रिया को और अधिक तेज़ और सरल बनाया जाएगा। यह पूरी तरह से डिजिटल रूप से काम करेगा, जिससे नागरिकों को किसी भी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और सभी कार्य ऑनलाइन ही किए जा सकेंगे।
PAN कार्ड का महत्व और इसके उपयोग
PAN कार्ड भारतीय नागरिकों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह 10 अंकों का एक अद्वितीय पहचान संख्या है, जिसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया जाता है। PAN कार्ड का इस्तेमाल केवल टैक्स से संबंधित कार्यों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह बैंक अकाउंट खोलने, प्रॉपर्टी खरीदने, बड़े वित्तीय लेन-देन करने और इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने जैसी कई गतिविधियों में भी आवश्यक होता है।
भारत में वर्तमान में लगभग 78 करोड़ PAN कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से लगभग 98% कार्ड व्यक्तिगत नागरिकों के लिए हैं। इन कार्डों की बढ़ती संख्या दर्शाती है कि अब यह एक अनिवार्य दस्तावेज़ बन चुका है, जो हर नागरिक के पास होना चाहिए। PAN 2.0 प्रोजेक्ट के तहत, अब नागरिकों को पुराने PAN कार्ड को अपडेट कराना होगा और नए QR कोड वाले डिजिटल कार्ड को प्राप्त करना होगा।
PAN 2.0 प्रोजेक्ट का डिजिटल परिवर्तन
PAN 2.0 प्रोजेक्ट भारत में डिजिटल बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब तक, PAN कार्ड एक भौतिक दस्तावेज़ के रूप में था, जिसका उपयोग सिर्फ टैक्स संबंधित कार्यों में किया जाता था। लेकिन अब इसे डिजिटल पहचान के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे नागरिकों को कहीं भी, कभी भी अपनी पहचान साबित करने में कोई परेशानी नहीं होगी। QR कोड की मदद से, अब किसी भी सरकारी संस्था के लिए आपके PAN की पहचान करना और सत्यापित करना बहुत आसान होगा।
इस प्रोजेक्ट से नागरिकों के लिए PAN कार्ड के इस्तेमाल में और अधिक आसानी होगी। इसके साथ ही, यह प्रणाली और भी तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी बनेगी। इसके अलावा, यह प्रोजेक्ट टैक्सपेयर्स को बेहतर और तेज़ सेवाएँ देने का काम करेगा। अब सरकार को PAN से जुड़ी जानकारी और डेटा को ट्रैक करना भी ज्यादा सटीक और समय पर होगा, जिससे विभिन्न सरकारी कार्यों में कोई भी देरी नहीं होगी।