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जमीन खरीद पर कड़ी कार्रवाई, जमीन जब्त, सरकार के नाम करने का आदेश

उत्तराखंड में भू-कानून उल्लंघन की जांच तेज, हरिद्वार, कुमाऊं मंडल और अल्मोड़ा में बड़ी कार्रवाई! बाहरी व्यक्तियों के लिए जमीन खरीदना अब और मुश्किल, सरकार ने लिया कड़ा कदम। जानें, किन मशहूर नामों की सूची में हैं शामिल और किस तरह की कार्रवाई की जा रही है।

By PMS News
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जमीन खरीद पर कड़ी कार्रवाई, जमीन जब्त, सरकार के नाम करने का आदेश
जमीन खरीद पर कड़ी कार्रवाई, जमीन जब्त, सरकार के नाम करने का आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद उत्तराखंड में भू-कानून के उल्लंघन के मामलों पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। प्रदेशभर में बाहरी राज्यों के लोगों द्वारा गलत तरीके से खरीदी गई जमीनों की जांच के लिए प्रशासन ने डाटा एकत्र करना शुरू कर दिया है। हरिद्वार और कुमाऊं मंडल में अब तक दर्जनों ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां जमीनों का उद्देश्य बदलकर उन्हें कॉलोनियों में तब्दील कर दिया गया। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद इन जमीनों को अब राज्य सरकार के तहत निहित किया जाएगा।

हरिद्वार में बड़े खुलासे, भूमि खरीद पर कॉलोनियां बनाईं

हरिद्वार जिले में भी भू-कानून के उल्लंघन के कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। सरकार ने जिस उद्देश्य से भूमि आवंटित की थी, उसे बदलकर कई उद्योगपतियों ने इन जमीनों पर कॉलोनियां बना दी। उदाहरण के तौर पर, 2007 में देवपुरा इलाके में हरियाणा के एक कारोबारी को फैक्ट्री लगाने के लिए भूमि दी गई थी, लेकिन जांच में पता चला कि वहां कोई फैक्ट्री नहीं, बल्कि मकान खड़े कर दिए गए हैं। इसी तरह, हरिद्वार के समसपुर इलाके में भी 2022 में उद्योग लगाने के लिए भूमि दी गई थी, लेकिन वहां भी कारोबारी ने फैक्ट्री की जगह कॉलोनी बना दी। इस प्रकार के 20-25 मामलों की प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई है, जिसके बाद जिला प्रशासन ने संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया है।

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कुमाऊं मंडल में भी भू-कानून का उल्लंघन

कुमाऊं मंडल में भी विशेष अनुमति से खरीदी गई जमीनों की जांच की जा रही है। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने हाल ही में इस संबंध में अधिकारियों से बैठक की। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि अब तक 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीदने के 100 मामले और विशेष अनुमति से खरीदी गई 130 अन्य भूमि की जांच की जा रही है। इन जमीनों का उद्देश्य भी कई मामलों में बदल चुका है, और राज्य सरकार जल्द ही इन जमीनों को अपने अधिकार में निहित करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। कुमाऊं मंडल के अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि 2 से 3 महीने के अंदर सभी संदिग्ध भूमि की जांच पूरी की जाए।

धार्मिक भूमि खरीद में भी गड़बड़ी

कुछ मामलों में भूमि धार्मिक प्रयोजनों के लिए खरीदी गई थी, लेकिन उसका उपयोग होटल और रिसॉर्ट जैसी वाणिज्यिक गतिविधियों में किया जा रहा है। ऐसे मामलों की भी जांच की जा रही है, और तय किया जा रहा है कि इन जमीनों को सरकार के तहत निहित किया जाए। प्रशासन ने इस संबंध में सभी जिलों के एसडीएम और तहसीलदारों को जांच के आदेश दिए हैं। कमिश्नर दीपक रावत ने स्पष्ट किया कि यदि किसी ने तय शर्तों का उल्लंघन किया है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बाहरी लोगों पर जमीन खरीदने पर रोक का प्रस्ताव

उत्तराखंड के कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक में यह सिफारिश की गई कि राज्य के कुछ जिलों में बाहरी लोगों पर जमीन खरीदने पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाए। पिथौरागढ़ और चम्पावत में बाहरी लोगों को 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में बाहरी व्यक्तियों को जमीन खरीदने से रोकने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव पर सरकार जल्द ही निर्णय ले सकती है, जिससे राज्य में बाहरी लोगों की भूमि खरीद की प्रक्रिया को कड़ा किया जाएगा।

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अल्मोड़ा और रानीखेत में जमीन के विवाद

अल्मोड़ा जिले में भी बाहरी व्यक्तियों द्वारा भूमि खरीदने के मामलों की जांच जारी है। अब तक 23 लोगों के नाम इस सूची में शामिल किए गए हैं, जिनमें से 11 नाम अल्मोड़ा जिले के हैं। इनमें से अधिकांश लोगों ने निर्धारित शर्तों का पालन नहीं किया है, और उनपर नोटिस जारी किए गए हैं। इन मामलों में मशहूर फिल्म स्टार मनोज वाजपेयी का भी नाम सामने आया है, जिन्होंने 2021 में योग और मेडिटेशन केंद्र के लिए भूमि खरीदी थी, लेकिन अब तक भूमि का उपयोग निर्धारित उद्देश्य के लिए नहीं किया गया है।

भूमि जब्ती की कार्रवाई

उत्तराखंड प्रशासन ने गलत तरीके से खरीदी गई जमीनों की जब्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। हाल ही में मुंबई के एक उद्योगपति की 108 नाली जमीन अल्मोड़ा जिले के चितई क्षेत्र से जब्त की गई। उद्योगपति ने नियमों का पालन किए बिना यह जमीन खरीदी थी, और निर्धारित उद्देश्य के बजाय उसका इस्तेमाल अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा था। प्रशासन ने इस भूमि का बैनामा रद्द करते हुए इसे सरकार के पक्ष में निहित कर दिया है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ बाहुबली राजा भैया की पत्नी द्वारा खरीदी गई भूमि भी जब्त की जा चुकी है, क्योंकि उस पर कृषि कार्य नहीं किया जा रहा था।

उत्तराखंड में भू-कानून की समीक्षा और सख्ती से लागू होने के बाद अब प्रशासन ने भूमि खरीद पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है। बाहरी लोगों द्वारा गलत तरीके से खरीदी गई भूमि और तय शर्तों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इससे राज्य की भूमि नीति को मजबूत बनाने के प्रयासों को बल मिलेगा और भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त को नियंत्रित किया जा सकेगा।

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