News

बिजली का तार जोड़े बिना ही चालू हो जाता मीटर, लोगों ने पकड़ी गड़बड़ी, क्या आपने भी लगवाया है?

मध्यप्रदेश के जबलपुर में रांझी इलाके में स्मार्ट मीटर की तकनीकी खामी सामने आई, जिससे लोगों में गुस्सा और विरोध की लहर दौड़ पड़ी। मीटर बिना तार जुड़े ही चालू हो गए, जिससे स्मार्ट मीटर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये मीटर वास्तव में गड़बड़ी को रोकने में सक्षम हैं या यह खुद एक बड़ी समस्या बन सकते हैं।

By PMS News
Published on
बिजली का तार जोड़े बिना ही चालू हो जाता मीटर, लोगों ने पकड़ी गड़बड़ी, क्या आपने भी लगवाया है?
Technical flaws of smart meters exposed

मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। रांझी इलाके में इन स्मार्ट मीटरों की कार्यप्रणाली को लेकर स्थानीय निवासियों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि स्मार्ट मीटर चोरी और गड़बड़ी रोकने के उद्देश्य से लगाए गए थे, लेकिन अब ये मीटर खुद तकनीकी खामियों से ग्रस्त पाए गए हैं।

स्मार्ट मीटर की तकनीकी खामी का खुलासा

रांझी इलाके में जब विद्युत वितरण कंपनी के ठेका कर्मचारी स्मार्ट मीटर लगाने पहुंचे, तो स्थानीय निवासियों ने मीटर की खामियों को पहचान लिया। बताया जा रहा है कि मीटर बिना तार के जुड़ने के बाद भी चालू हो गया, जो एक गंभीर तकनीकी गड़बड़ी का संकेत था। इस खामी को रिकॉर्ड करने के बाद स्थानीय लोगों ने मीटर लगाने से रोक दिया और इसे सबूत के रूप में पेश किया। यह घटना स्मार्ट मीटर की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है।

मीटर के खिलाफ बढ़ते विरोध और असंतोष

स्मार्ट मीटर को लेकर रांझी क्षेत्र में बढ़ते विरोध ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है। सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि विभिन्न सामाजिक संगठन और राजनीतिक दल भी इस बदलाव के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उनका मानना है कि स्मार्ट मीटर के माध्यम से होने वाली गड़बड़ी से उपभोक्ताओं को आर्थिक नुकसान हो सकता है और यह व्यवस्था पूरी तरह से असुविधाजनक हो सकती है।

Also Read17 जनवरी को सरकारी दफ्तरों की छुट्टी घोषित, साथ ही बंद रहेंगे सरकारी और प्राइवेट स्कूल, Public Holiday

17 जनवरी को सरकारी दफ्तरों की छुट्टी घोषित, साथ ही बंद रहेंगे सरकारी और प्राइवेट स्कूल, Public Holiday

विद्युत वितरण कंपनी का स्मार्ट मीटर सुधारने का दायित्व

स्मार्ट मीटर का उद्देश्य विद्युत चोरी और गड़बड़ी को रोकना था, लेकिन जब खुद मीटर ही तकनीकी खामियों से भरा हुआ हो, तो यह उद्देश्य पूरी तरह विफल हो जाता है। विद्युत वितरण कंपनी को चाहिए कि वह इन मीटरों की कार्यप्रणाली की पूरी जांच कराए और सुनिश्चित करें कि उपभोक्ताओं को कोई परेशानी न हो। इससे पहले कि यह मुद्दा और बढ़े, जरूरी है कि कंपनी उपभोक्ताओं के विश्वास को फिर से बहाल करे।

Also ReadOld Age Pension Scheme: बुर्जुगों के लिए बड़ी खुशखबरी, बुढ़ापा पेंशन राशि में हो सकती है बढ़ोतरी

Old Age Pension Scheme: बुर्जुगों के लिए बड़ी खुशखबरी, बुढ़ापा पेंशन राशि में हो सकती है बढ़ोतरी

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें