मेरठ जिले के डीएम दीपक मीणा (Meerut DM Winter Vacation Order) ने कड़कड़ाती ठंड को ध्यान में रखते हुए नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में 5 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया है। यह आदेश यूपी बोर्ड, सीबीएसई, मदरसा और अन्य सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगा। इस कदम का उद्देश्य बच्चों को ठंड से बचाना और उनकी सेहत का ख्याल रखना है।
स्वास्थ्य और शिक्षा का संतुलन
जिला विद्यालय निरीक्षक प्रथम राजेश कुमार ने बताया कि बच्चों को इन छुट्टियों के दौरान अपने होमवर्क और शैक्षिक गतिविधियों (School Homework During Winter Vacation) पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह बच्चों को अपनी पढ़ाई जारी रखने और साथ ही स्वस्थ रहने का अवसर देगा।
प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में लंबी छुट्टियां
बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों (Primary Schools Winter Vacation in UP) में 14 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश की घोषणा की गई है। छात्रों को उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए विंटर वेकेशन होमवर्क दिया गया है।
आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भी छुट्टियों की मांग
अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी महासभा (Anganwadi Winter Vacation Demand) ने छोटे बच्चों के लिए 14 जनवरी तक अवकाश की मांग की है। जिलाध्यक्ष पूनम शर्मा ने डीएम को ज्ञापन देकर अनुरोध किया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले 3 से 6 साल के बच्चों को भी छुट्टी का लाभ दिया जाए।
ज्ञापन में मुख्य मांगें
ज्ञापन में यह बताया गया कि अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi Centers in Schools) स्कूल परिसरों में संचालित होते हैं। ऐसे में छोटे बच्चों को ठंड से बचाने के लिए अवकाश अत्यंत आवश्यक है।
सख्ती से आदेश का पालन
डीएम ने सभी स्कूल प्रशासन को सख्ती से आदेश का पालन (School Holiday Compliance) सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता रहे।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग (Weather Update Severe Cold Wave) ने जनवरी के शुरुआती दिनों में और अधिक ठंड पड़ने की संभावना व्यक्त की है। प्रशासन स्थिति को देखते हुए छुट्टियों को आगे बढ़ाने पर भी विचार कर सकता है।
बच्चों के लिए छुट्टियां क्यों हैं जरूरी?
शीतकालीन अवकाश (Benefits of Winter Vacation for Kids) बच्चों को ठंड से सुरक्षित रखने और उनकी सेहत पर ध्यान देने का अवसर प्रदान करता है। घर पर रहने से बच्चे न केवल स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि उनकी पढ़ाई का भी निरंतरता बनी रहती है।