महाराष्ट्र में उत्पादित प्याज अपनी विशेष खुशबू और स्वाद के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए भी प्रसिद्ध है। इंडियन रेसिपी का अहम हिस्सा बनने वाला प्याज विटामिन सी, फोलेट और विटामिन बी6 जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। हालांकि, हाल ही में एक यूट्यूब वीडियो में यह दावा किया गया कि पहले से कटे हुए प्याज का सेवन फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है। इस लेख में हम इस दावे की तह तक जाएंगे और विशेषज्ञों की राय से इसे समझने का प्रयास करेंगे।
क्या प्याज बैक्टीरिया सोखता है?
यूट्यूब वीडियो में कहा गया है कि प्याज वातावरण से बैक्टीरिया को तेजी से सोख लेता है। इस प्रक्रिया के कारण, पहले से कटे हुए प्याज को खाने से पेट खराब होने की संभावना बढ़ जाती है और यह फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है। वीडियो में प्याज को कटकर लंबे समय तक छोड़ने से बचने की हिदायत दी गई है।
विशेषज्ञों की राय
पुणे के मणिपाल हॉस्पिटल की डायटीशियन शालिनी सोमासुंदा इस दावे को खारिज करती हैं। वह कहती हैं कि प्याज में मौजूद सल्फर कंपाउंड नेचुरली बैक्टीरिया की बढ़त को रोकने में सहायक होते हैं। किसी भी शोध या वैज्ञानिक प्रमाण से यह सिद्ध नहीं हुआ है कि प्याज बैक्टीरिया को वातावरण से इतनी मात्रा में एब्जॉर्ब करता है कि यह स्वास्थ्य के लिए खतरा बन जाए।
गंदा वातावरण और फूड सेफ्टी
डायटीशियन के अनुसार, अगर प्याज या कोई अन्य खाद्य सामग्री गंदे वातावरण में रखी जाए या उसे गंदे बर्तनों में स्टोर किया जाए, तो बैक्टीरिया संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। वह सुझाव देती हैं कि प्याज को साफ-सुथरे और सुरक्षित वातावरण में स्टोर किया जाए।
एयर-टाइट कंटेनर और सही तापमान
प्याज को लंबे समय तक ताजा बनाए रखने के लिए उसे एयर-टाइट कंटेनर में रखना चाहिए। विशेषज्ञ 5ºC तापमान को प्याज की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए उपयुक्त मानते हैं। यह तापमान प्याज को ताजा और सुरक्षित रखने में मदद करता है।
सजग फैक्ट चेक टीम की जांच
सजग फैक्ट चेक टीम ने इस दावे की विस्तार से पड़ताल की और इसे झूठा पाया। विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर हाइजीन और फूड सेफ्टी उपाय अपनाने से इस प्रकार की समस्याओं से बचा जा सकता है।