Sahara Refund: सरकार ने सहारा समूह की सहकारी समितियों के छोटे जमाकर्ताओं के लिए धन वापसी की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है। इस फैसले से अब अधिकतम 50,000 रुपये तक की धनराशि वापस ली जा सकती है, जिससे जमाकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है।
क्या है पूरा मामला?
सहारा समूह की चार बहु-राज्य सहकारी समितियों में लाखों लोगों ने निवेश किया था। लेकिन बाद में इन समितियों पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर इन जमाकर्ताओं को पैसा वापस करने का फैसला हुआ।
कितने लोगों को मिला है फायदा?
सरकार ने अब तक CRCS-Sahara Refund पोर्टल के माध्यम से 4.29 लाख से अधिक जमाकर्ताओं को 370 करोड़ रुपये जारी किए हैं। रिफंड सीमा बढ़ने के बाद अगले 10 दिनों में लगभग 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।
कैसे मिलेगा रिफंड?
सरकार रिफंड जारी करने से पहले जमाकर्ताओं के दावों की सावधानीपूर्वक जांच कर रही है। जमाकर्ता सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल पर जाकर अपना दावा दर्ज कर सकते हैं।
सहारा की चार सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को मिलेगा पैसा
इस योजना के तहत सहारा समूह की चार प्रमुख सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को धनराशि लौटाई जा रही है। ये समितियां हैं:
- सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (लखनऊ)
- सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड (भोपाल)
- हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (कोलकाता)
- स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (हैदराबाद)
5,000 करोड़ रुपये CRCS को हस्तांतरित
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत, 29 मार्च, 2023 को सेबी-सहारा रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये की राशि केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को हस्तांतरित की गई थी। इस राशि का उपयोग जमाकर्ताओं को धन वापसी के लिए किया जा रहा है।
सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में प्रक्रिया
इस पूरी धन वापसी प्रक्रिया की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी द्वारा की जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द सभी जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस कर दिया जाए। सर्वोच्च न्यायालय भी इस मामले पर नजर रखे हुए है। अगर आपने भी सहारा समूह की इन सहकारी समितियों में निवेश किया है, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आप सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।