
झारखंड में शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए हालिया आदेश ने राज्य भर के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच हलचल मचा दी है। आदेश के अनुसार, अब छात्रों को रविवार या अन्य अवकाश के दिनों में भी स्कूल जाना पड़ सकता है, अगर किसी कारणवश पहले से निर्धारित कक्षाएं छूट जाती हैं। इस फैसले का मकसद छात्रों की पढ़ाई में किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करना और शैक्षणिक सत्र को सुचारु रूप से संचालित करना है।
यह भी देखें: क्या है इंडिविजुअल करंट अकाउंट और कौन लोग खोल सकते हैं ये खाता, जानिए इसके फायदे Individual Current Account
गर्मी की छुट्टियों की भरपाई अब रविवार को
गर्मी की छुट्टियों या किसी अन्य कारण से स्कूल बंद होने की स्थिति में अब छात्रों को उस छुट्टी की भरपाई रविवार या किसी अन्य अवकाश के दिन करनी होगी। यानी अगर गर्मी की छुट्टियों में अतिरिक्त दिन जोड़ दिए जाते हैं, तो उनकी भरपाई करते हुए विद्यालय रविवार को खुलेगा और नियमित कक्षाएं संचालित होंगी। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि छात्रों की पढ़ाई में नुकसान न हो, इसलिए यह कदम उठाया गया है।
राष्ट्रीय पर्वों पर उपस्थिति अनिवार्य
इस नए आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि गणतंत्र दिवस-Repulic Day, स्वतंत्रता दिवस-Independence Day और महात्मा गांधी जयंती जैसे राष्ट्रीय पर्वों के दिन स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित करना अनिवार्य होगा। इन दिनों छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। इन आयोजनों से छात्रों में राष्ट्रप्रेम की भावना विकसित करने का उद्देश्य भी जुड़ा हुआ है।
यह भी देखें: वैज्ञानिकों की चेतावनी से हिली दुनिया, दो हिस्सों में बंट जाएंगे ये देश होगी भीषण तबाही Global Disaster Warning
बिहार में भी शिक्षा सुधार की पहल
सिर्फ झारखंड ही नहीं, बिहार में भी शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए रीडिंग और गणित की विशेष कक्षाएं शुरू की गई हैं, जो हर दिन एक घंटे तक चलेंगी। इस योजना के अंतर्गत हर सोमवार को छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा ताकि उनकी बुनियादी योग्यता की निगरानी हो सके और जरूरत के अनुसार सुधारात्मक उपाय किए जा सकें।
छात्रों की पढ़ाई में आ रहा है ठहराव
पिछले कुछ वर्षों में स्कूलों की अनियमितता और छुट्टियों के कारण छात्रों की पढ़ाई पर व्यापक असर पड़ा है। शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कई छात्र बुनियादी विषयों में पिछड़ते जा रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने यह आदेश जारी किया है, ताकि छात्रों की शिक्षा पर किसी प्रकार की कमी न आए और वह अकादमिक सत्र के अंत तक पूरी तरह तैयार हो सकें।
सरकारी स्कूलों की निगरानी और जवाबदेही बढ़ेगी
इस आदेश के बाद स्कूल प्रशासन की जवाबदेही भी बढ़ गई है। अब स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि रविवार को होने वाली कक्षाओं में उपस्थिति सही तरीके से दर्ज हो, और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि इस अतिरिक्त शिक्षा से छात्रों के प्रदर्शन में कितना सुधार आता है।
यह भी देखें: ये है भारत का सबसे बड़ा जिला जो इन 9 राज्यों से भी बड़ा है, क्या आप जानते हैं इसका नाम? India’s Biggest District