बिहार सरकार ने किसानों की भंडारण समस्या को दूर करने और उनकी फसलों को खराब होने से बचाने के लिए एक बड़ी पहल की है। राज्य के कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत गोदाम निर्माण योजना की घोषणा की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को अपनी फसलों के लिए सुरक्षित भंडारण की सुविधा प्रदान करना है ताकि वे अपनी उपज को सुरक्षित रख सकें और सही समय पर बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें।
गोदाम निर्माण के लिए सब्सिडी
बिहार सरकार सामान्य वर्ग के किसानों को गोदाम बनाने के लिए 100 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम पर इकाई लागत का 40% यानी ₹5.5 लाख तक की सब्सिडी दे रही है।अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों के लिए यह सब्सिडी बढ़कर 50% यानी ₹7 लाख तक है। बड़े गोदामों (100 मीट्रिक टन से अधिक) के लिए सामान्य वर्ग के किसानों को ₹8 लाख तक और अनुसूचित जाति/जनजाति को ₹10 लाख तक की सब्सिडी दी जाएगी।
लाभार्थियों का चयन
राज्यभर में 154 गोदामों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए ऑनलाइन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किसानों का चयन किया जा रहा है। जिलावार चयन की सूची कृषि विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की गई है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और योग्य किसानों को योजना का लाभ मिल सके।
6 महीने के भीतर निर्माण
चयनित किसानों को अपने गोदाम का निर्माण 6 महीने के भीतर पूरा करना होगा। इसके लिए जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा किसानों की मदद की जाएगी। आवेदन प्रक्रिया के बाद भूमि सत्यापन भी जल्द से जल्द कराया जाएगा, ताकि किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
किसानों को गोदाम से क्या होंगे लाभ?
- उपज का सुरक्षित भंडारण: किसान अपनी उपज को गोदाम में सुरक्षित रखकर उसे खराब होने से बचा सकते हैं। इससे उन्हें फसलों का उचित मूल्य मिल सकेगा।
- बाजार मूल्य का लाभ: गोदामों के माध्यम से किसान अपनी उपज को तब तक स्टोर कर सकते हैं जब तक बाजार में उसकी कीमतें बढ़ नहीं जातीं। इससे उन्हें अधिक मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।
- अधिकतम सब्सिडी का फायदा: यह योजना किसानों को उनकी उत्पादन लागत को कम करने और अधिक बचत करने में मदद करेगी।
कैसे करें आवेदन?
किसान इस योजना के लिए बिहार कृषि विभाग की वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, किसानों को अपने जिला कृषि पदाधिकारी से भी संपर्क करना होगा, जो उन्हें इस योजना के तहत आवश्यक जानकारी और सहायता प्रदान करेंगे।
टोल-फ्री हेल्पलाइन
यदि किसानों को किसी भी प्रकार की सहायता या जानकारी की जरूरत हो, तो वे कृषि विभाग की टोल-फ्री हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं।
बिहार सरकार की यह पहल राज्य के किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी। इससे न केवल किसानों को अपनी फसलों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी, बल्कि वे बाजार में उचित समय पर अपनी उपज बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकेंगे। योजना के तहत मिलने वाली 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी से किसानों की भंडारण समस्याएं कम होंगी और उन्हें भविष्य में बेहतर आर्थिक स्थिति मिलेगी।