Fire Crackers Ban in Delhi: दिल्ली में दिवाली से पहले एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए दिल्ली सरकार ने पटाखों की बिक्री, उत्पादन, भंडारण, और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। सरकार ने इस प्रतिबंध को 1 जनवरी 2025 तक लागू करने का निर्देश दिया है। इस कदम का उद्देश्य सर्दियों के मौसम में होने वाले प्रदूषण के स्तर में कमी लाना है, जिससे दिल्ली में रहने वाले लोगों की सेहत को सुरक्षित रखा जा सके।
दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध क्यों?
दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार बिगड़ता जा रहा है, और फिलहाल इसे 224 यानी “खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया है। दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही हवा की गुणवत्ता और भी खराब हो जाती है, खासकर दीपावली के दौरान पटाखे फोड़ने से स्थिति गंभीर हो जाती है। इस बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पटाखों पर यह सख्त कदम उठाया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस फैसले के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी तक पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है।
वायु अधिनियम के तहत प्रतिबंध
यह प्रतिबंध वायु अधिनियम, 1981 की धारा 31 (ए) और वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) नियम, 1983 के नियम 20 (ए) (6) के तहत लगाया गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने इस अधिनियम के तहत निर्देश जारी किए हैं, जिसमें सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए बढ़ते वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
पटाखों की बिक्री, उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध
- दिल्ली में 1 जनवरी 2025 तक सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- इसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से पटाखों की बिक्री और डिलीवरी पर भी प्रतिबंध है।
- पटाखे फोड़ने पर भी पूरी तरह से रोक रहेगी, चाहे वह किसी भी प्रकार के हों।
- दिल्ली पुलिस को इस आदेश का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई इस प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का अनुरोध और अपील
दिल्ली सरकार ने राजधानी के नागरिकों से अपील की है कि वे इस प्रतिबंध का पालन करें और अपने शहर की हवा को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग करें। पटाखों से होने वाला प्रदूषण खासकर सर्दियों में बहुत गंभीर हो जाता है, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और अन्य कमजोर स्वास्थ्य वाले लोगों के लिए सांस लेने में कठिनाई पैदा हो सकती है। इसीलिए, सरकार ने जनता से अनुरोध किया है कि वे इस बार दिवाली को ग्रीन और सुरक्षित तरीके से मनाएं।
दिल्ली सरकार का यह कदम न सिर्फ प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए उठाया गया है, बल्कि राजधानी के निवासियों की सेहत और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। दिवाली खुशियों का त्योहार है, और इसे प्रदूषण से दूर रहकर मनाना न केवल हमें बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करेगा। पटाखों पर इस प्रतिबंध को लेकर सभी नागरिकों से सहयोग की उम्मीद है, ताकि दिल्ली की हवा को स्वस्थ और सुरक्षित बनाया जा सके।
बिलकुल गलत निर्णय , सख्ती सिर्फ दिवाली के लिए ही क्यों? क्यों नही दिल्ली सरकार समय रहते प्रदूषण के रोकने के लिए ठोस कदम उठाती? क्या दिल्ली सरकार बता सकती है अब तक क्या उचित कारवाही की गई प्रोडूशन रोकने के लिए पिछले १० साल मैं ??? सिर्फ एक समुदाय को खुश करके वोट लेले के लिए हिंदुओ के त्योहारों को रोकने का षड्यंत्र है यह। हर नागरिक जागरूक है प्रदूषण से बचने के लिए , सब ध्यान रख कर अपना त्योहार दीपावली मायेंगे ।