अगर आप नौकरीपेशा हैं और पीएफ खाता धारक हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। बहुत कम लोगों को पता होता है कि ईपीएफओ (EPFO) सिर्फ लोन और बीमा ही नहीं, बल्कि बोनस और एडिशनल बोनस जैसी सुविधाएं भी प्रदान करता है।
इस बोनस की रकम 50,000 रुपए तक हो सकती है, लेकिन जानकारी के अभाव में कई कर्मचारी इस लाभ से वंचित रह जाते हैं। आइए जानते हैं इस एडिशनल बोनस का लाभ कैसे उठाया जा सकता है और इसके लिए किन नियमों का पालन करना जरूरी है।
बेसिक सैलरी पर आधारित होता है बोनस
EPFO द्वारा दिया जाने वाला एडिशनल बोनस ‘लॉयल्टी कम लाइफ बेनिफिट’ के तहत आता है और इसके लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं। यह बोनस उन कर्मचारियों को दिया जाता है जो कम से कम 20 वर्षों से पीएफ का योगदान कर रहे हैं। इस बोनस की गणना कर्मचारी की बेसिक सैलरी के आधार पर की जाती है। अधिकतम बोनस की राशि 50,000 रुपए तक हो सकती है।
बोनस की गणना कैसे होती है?
बोनस की गणना आपकी बेसिक सैलरी के आधार पर होती है। उदाहरण के लिए:
- जिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 5,000 रुपए है, उन्हें लगभग 30,000 रुपए तक बोनस मिलता है।
- जिनकी बेसिक सैलरी 10,000 रुपए है, उन्हें यह रकम 40,000 रुपए तक मिलती है।
- इससे ऊपर की सैलरी पर बोनस की रकम 50,000 रुपए तक हो जाती है।
यह ध्यान देने योग्य है कि बोनस का लाभ उठाने के लिए कम से कम 20 साल की नौकरी जरूरी होती है। जो कर्मचारी इस अवधि को पूरा नहीं करते हैं, वे इस बोनस के पात्र नहीं होते।
रिटायरमेंट पर मिलता है बोनस
ईपीएफओ ने रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को अतिरिक्त आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से इस एडिशनल बोनस की शुरुआत की थी। यदि आप 20 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं, तो आप अपनी बेसिक सैलरी के अनुसार एडिशनल बोनस के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी की जा सकती है, जिससे आप इसे आसानी से क्लेम कर सकते हैं।
EPFO के इस लाभ का फायदा उठाने के लिए 20 साल की नौकरी के साथ-साथ आपकी बेसिक सैलरी की जानकारी होना जरूरी है। यदि आप योग्य हैं, तो अपने पीएफ खाते से यह अतिरिक्त बोनस प्राप्त करने का अवसर न गंवाएं।