
चारधाम यात्रा-Char Dham Yatra पर निकलने वाले श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड सरकार ने 2025 में कुछ बेहद जरूरी स्वास्थ्य नियम लागू कर दिए हैं। अगर आप बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री या यमुनोत्री की धार्मिक यात्रा की तैयारी में हैं, तो यह जान लेना आपके लिए ज़रूरी है कि अब सिर्फ रजिस्ट्रेशन से काम नहीं चलेगा। 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित तीर्थयात्रियों को अब मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट भी अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा।
उत्तराखंड की ऊंची पर्वतीय चोटियों और मुश्किल रास्तों को देखते हुए यह कदम यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज़ से उठाया गया है। सरकार का कहना है कि चारधाम यात्रा-Char Dham Yatra कोई साधारण यात्रा नहीं, बल्कि एक हाई-ऑल्टिट्यूड पिलग्रिम ट्रेक है, जिसके लिए पूरी तरह से स्वस्थ और शारीरिक रूप से सक्षम होना ज़रूरी है।
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कौन से यात्री लाएंगे मेडिकल सर्टिफिकेट?
चारधाम यात्रा के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट उन यात्रियों के लिए जरूरी है जो या तो 50 साल या उससे ज्यादा उम्र के हैं, या फिर उन्हें पहले से कोई क्रॉनिक डिजीज जैसे हृदय रोग, डायबिटीज, अस्थमा या हाई ब्लड प्रेशर है। ऐसे सभी तीर्थयात्रियों को यात्रा शुरू करने से पहले किसी रजिस्टर्ड MBBS डॉक्टर से जांच करवा कर एक फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा। इसमें यह स्पष्ट तौर पर लिखा होना चाहिए कि यात्री ऊंचाई पर ट्रैकिंग करने के लिए सक्षम है।
सरकार ने यह भी कहा है कि यह सर्टिफिकेट केवल उन्हीं डॉक्टरों द्वारा जारी होना चाहिए जो मान्यता प्राप्त संस्थानों से पंजीकृत हों। किसी भी प्रकार की फर्जी रिपोर्ट या मेडिकल फॉर्म को यात्रा स्थल पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
कैसे करें चारधाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन?
चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण अब ऑनलाइन, मोबाइल ऐप, व्हाट्सएप और ऑफलाइन माध्यम से किया जा सकता है। आधिकारिक वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाकर यात्री अपना नाम, आईडी प्रमाण और यात्रा तिथि दर्ज कर सकते हैं।
यदि आपके पास स्मार्टफोन है, तो “Tourist Care Uttarakhand” ऐप डाउनलोड करके भी प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। वहीं टेक-सैवी न होने वालों के लिए व्हाट्सएप रजिस्ट्रेशन भी एक सुविधाजनक तरीका है—आपको बस “Yatra” लिखकर 8394833833 पर मैसेज भेजना होगा।
जो यात्री ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं अपना सकते, उनके लिए हरिद्वार, ऋषिकेश, गुप्तकाशी, सोनप्रयाग जैसे स्थानों पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाए गए हैं। पंजीकरण के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे डॉक्युमेंट्स साथ में ले जाना आवश्यक होगा।
हेलिकॉप्टर सेवा ले रहे हैं तो क्या मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी है?
अगर आप चारधाम यात्रा के किसी हिस्से में हेलिकॉप्टर सेवा का उपयोग कर रहे हैं तो आपको मेडिकल सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं है, लेकिन रजिस्ट्रेशन और बायोमेट्रिक प्रोसेस फिर भी अनिवार्य रहेगा। यह नियम विशेष रूप से केदारनाथ यात्रा में हेलिकॉप्टर सेवा लेने वाले यात्रियों के लिए है।
हालांकि, सरकार ने यह भी कहा है कि चाहे हेलिकॉप्टर हो या पैदल यात्रा, किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन को सूचित करना और ट्रैकिंग डिटेल्स सही-सही दर्ज कराना बेहद जरूरी है।
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स्वास्थ्य को लेकर अतिरिक्त सावधानियां क्या हैं?
चारधाम यात्रा में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने और अचानक मौसम परिवर्तन की संभावना अधिक होती है। ऐसे में अगर कोई यात्री किसी पुरानी बीमारी से ग्रसित है, तो उनके लिए यह यात्रा जोखिम भरी हो सकती है। डॉक्टरों की सलाह है कि ऐसे यात्री यात्रा से कम से कम 15 दिन पहले एक बार पूरी तरह से मेडिकल चेकअप करवाएं और जो दवाइयाँ नियमित तौर पर चल रही हों, उन्हें साथ लेकर चलें।
पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतर रास्ते संकरे और फिसलन भरे होते हैं। इसलिए अच्छी ग्रिप वाले जूते, गर्म कपड़े और हाई एल्टीट्यूड हेल्थ किट साथ में रखना बेहद जरूरी है। सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि यात्रा से पहले कम से कम 1 हफ्ते की वॉकिंग प्रैक्टिस करें जिससे शरीर को ट्रेकिंग का अभ्यास मिल सके।
चारधाम यात्रा में रिन्यूएबल एनर्जी का भी उपयोग
इस साल चारधाम यात्रा में रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy पर विशेष ध्यान दिया गया है। केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे स्थानों पर सोलर चार्जिंग स्टेशन और ई-व्हीकल सेवा शुरू की जा रही है ताकि पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचे और तीर्थयात्रा भी ज्यादा टिकाऊ बन सके। यात्रियों से भी आग्रह किया गया है कि प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें और कचरा न फैलाएं।
मेडिकल सर्टिफिकेट से जुड़ी आम समस्याओं का समाधान
कई बार यात्रियों को यह भ्रम होता है कि मेडिकल सर्टिफिकेट किसी भी लोकल क्लिनिक से मिल सकता है, जबकि ऐसा नहीं है। सर्टिफिकेट केवल रजिस्टर्ड MBBS डॉक्टर द्वारा जारी किया जाना चाहिए और उसमें डॉक्टर की सील, रजिस्ट्रेशन नंबर, और यात्रा के लिए फिट घोषित किए जाने का उल्लेख स्पष्ट रूप से होना चाहिए।
अगर सर्टिफिकेट में कोई गलती होती है, तो यात्रा के समय प्रवेश रोका जा सकता है। इसलिए सही और प्रमाणिक जानकारी के साथ ही सर्टिफिकेट तैयार कराएं।
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