भारत सरकार की फ्री राशन योजना, जिसे गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKY) के नाम से भी जाना जाता है, देश के करोड़ों लोगों को राहत प्रदान कर रही है। लेकिन अब इस योजना को लेकर एक बड़ी चेतावनी सामने आ रही है। सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि 30 नवंबर के बाद जिन लाभार्थियों ने ईकेवाईसी (EKYC) नहीं कराया, उन्हें फ्री राशन मिलने पर रोक लग सकती है। इससे उन लोगों में चिंता का माहौल है, जो अभी तक इस प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाए हैं।
सरकार ने इस योजना में पारदर्शिता लाने के लिए ईकेवाईसी की प्रक्रिया को अनिवार्य किया था, ताकि केवल योग्य लाभार्थी ही इसका लाभ उठा सकें। तीन बार तारीख बढ़ाने के बावजूद लगभग 10 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपनी ईकेवाईसी नहीं कराई है, और अब सरकार ने साफ कर दिया है कि 30 नवंबर के बाद इन लोगों का राशन कार्ड रद्द किया जा सकता है।
80 करोड़ से ज्यादा लोग उठा रहे है फ्री राशन योजना का लाभ
इस योजना के तहत वर्तमान में 80 करोड़ से ज्यादा लोग राशन का लाभ उठा रहे हैं। सरकार ने 10 खाद्य सामग्री, जैसे गेहूं, चना और चीनी, मुफ्त देने की घोषणा की थी, ताकि गरीबों को राहत मिल सके। लेकिन अब सरकार को फर्जी राशन कार्डधारकों पर कड़ी कार्रवाई करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, लाखों लोग जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है, वे भी इस योजना का गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं। इसमें टैक्सपेयर्स तक शामिल हैं जो उच्च मूल्य की कारों में राशन लेने के लिए राशन की दुकानों पर पहुंचते हैं।
इसके कारण सरकार अब उन कार्डधारकों को चिन्हित करने की प्रक्रिया में है, जो पात्र नहीं हैं, ताकि योजनाओं से होने वाले फर्जीवाड़े को रोका जा सके। इस मामले में अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि 30 नवंबर के बाद ऐसे राशन कार्ड धारकों को लाभ नहीं मिलेगा।
30 नवंबर के बाद क्या होगा?
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर किसी लाभार्थी ने ईकेवाईसी पूरी नहीं की तो उनका राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा। ऐसे लाभार्थियों को राशन मिलना बंद हो सकता है और उन्हें किसी भी प्रकार का सरकारी सहायता नहीं मिलेगा। सरकार के मुताबिक यह कदम योजना में पारदर्शिता और सही पात्रता सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है। यह कदम फर्जी राशन कार्ड धारकों को चिह्नित करने के लिए बहुत जरूरी है ताकि वास्तविक जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके।
फ्री राशन योजना का उद्देश्य और सरकार की योजनाएं
गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत कोरोना महामारी के दौरान हुई थी। इसका उद्देश्य गरीब और कमजोर वर्गों को राशन उपलब्ध कराना था, ताकि उन्हें महामारी के दौरान खाने-पीने की समस्या न हो। इसके तहत लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन दिया जा रहा है, जिससे उनके जीवन को कुछ सहारा मिल रहा है। लेकिन अब यह योजना भ्रष्टाचार और गलतफहमी का शिकार हो रही है, और सरकार ने इसे रोकने के लिए ईकेवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य किया है।