किराना स्टोर भारतीय बाजार का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। पहले मोहल्लों में किराने की छोटी दुकानों का महत्व था, जो अब बदलते वक्त के साथ बड़ी सुपरमार्केट्स और क्विक डिलीवरी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से चुनौती का सामना कर रही हैं। Blinkit, Zepto, और BBNow जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफार्म, जो 10-15% सस्ती कीमत पर उत्पादों की तेज़ डिलीवरी का वादा करते हैं, अब किराना दुकानों के अस्तित्व पर प्रभाव डाल रहे हैं।
चुनौती का सामना | क्विक कॉमर्स प्लेटफार्म, जैसे Blinkit, Zepto, BBNow से किराना स्टोर को नुकसान |
बढ़ती दर | क्विक कॉमर्स 27% की दर से बढ़ रहा है |
रोजगार पर प्रभाव | ई-कॉमर्स ने भारत में 1.58 करोड़ नौकरियाँ उत्पन्न की हैं |
महिला रोजगार | कुल नौकरियों में से 35 लाख नौकरियाँ महिलाओं को मिलीं |
भारत में क्विक कॉमर्स का प्रभाव बढ़ रहा है और यह पारंपरिक किराना स्टोर्स को चुनौती दे रहा है। हालांकि, किराना स्टोर्स के पास डिजिटल प्लेटफार्म्स से जुड़ने और बेहतर सेवाएँ प्रदान कर अपने ग्राहकों के साथ जुड़ाव बनाए रखने का अवसर है। इस प्रतिस्पर्धा में किराना स्टोर्स को नवीनता और ग्राहक संतुष्टि के साथ अपने अस्तित्व को बनाए रखने की जरूरत होगी।
क्विक कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव से किराना स्टोर्स पर दबाव
पिछले कुछ वर्षों में, ई-कॉमर्स में ‘क्विक कॉमर्स’ का आगमन तेजी से हुआ है। COVID-19 के बाद भारत में ऑनलाइन शॉपिंग का ट्रेंड तेजी से बढ़ा, और आज कई ग्राहक अपनी आवश्यकता की चीजें जल्दी प्राप्त करने के लिए क्विक डिलीवरी ऐप्स का सहारा लेते हैं। इसके कारण, शहरों और छोटे कस्बों में लगभग 1.25 करोड़ किराना स्टोर्स पर इसका प्रभाव पड़ा है।
ई-कॉमर्स द्वारा रोजगार के अवसरों में वृद्धि
हालांकि क्विक कॉमर्स के कारण पारंपरिक स्टोर्स को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन यह क्षेत्र रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न कर रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स क्षेत्र ने भारत में 1.58 करोड़ नौकरियाँ प्रदान की हैं। इनमें से 35 लाख नौकरियाँ महिलाओं को मिली हैं, जो कि रोजगार के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव है।
किराना स्टोर्स के सामने अस्तित्व की चुनौती
क्विक कॉमर्स के बढ़ते प्रचलन ने किराना स्टोर्स के अस्तित्व को एक कठिन मोड़ पर ला दिया है। आज की तेज़ी से बदलती लाइफस्टाइल में लोग समय की बचत के लिए तैयार हैं, चाहे इसके लिए उन्हें थोड़ी अतिरिक्त कीमत क्यों न चुकानी पड़े। Blinkit, Zepto जैसे प्लेटफार्म्स अपने ग्राहकों को 10 मिनट में ग्रॉसरी उपलब्ध करा रहे हैं, जिससे लोग पारंपरिक किराना स्टोर्स के मुकाबले इन ऐप्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
किराना स्टोर्स के लिए रणनीति अपनाने की आवश्यकता
किराना स्टोर्स को इस प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए अपनी सेवाओं को सुधारने की जरूरत है। निम्नलिखित कुछ कदम इस दिशा में मददगार हो सकते हैं:
- डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़ना: किराना स्टोर्स छोटे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के साथ जुड़ सकते हैं ताकि ग्राहकों तक उनकी पहुँच डिजिटल माध्यम से भी हो।
- उत्पाद विविधता में सुधार: ग्राहकों की बदलती मांगों के अनुसार अपनी दुकान में विभिन्न उत्पादों को शामिल करना आवश्यक है।
- तेजी से डिलीवरी सेवा: कुछ प्रमुख क्षेत्रों में तेजी से डिलीवरी की सुविधा प्रदान करना किराना स्टोर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
- ग्राहकों के साथ व्यक्तिगत संपर्क बनाए रखना: स्थानीय ग्राहकों के साथ संबंध बनाए रखना और उनके फीडबैक का ध्यान रखना भी स्टोर की सफलता में योगदान दे सकता है।
Frequently Asked Questions (FAQs)
1. क्या ई-कॉमर्स किराना स्टोर्स को पूरी तरह से खत्म कर देगा?
ई-कॉमर्स का प्रभाव तो है, लेकिन किराना स्टोर्स, खासकर ग्रामीण इलाकों में, अभी भी महत्वपूर्ण बने हुए हैं।
2. किराना स्टोर्स क्विक कॉमर्स के साथ प्रतिस्पर्धा कैसे कर सकते हैं?
डिजिटल प्लेटफार्म्स से जुड़कर और बेहतर ग्राहक सेवाओं की पेशकश कर किराना स्टोर्स क्विक कॉमर्स से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
3. क्या क्विक कॉमर्स से रोजगार के अवसर बढ़े हैं?
हां, क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स ने पिछले कुछ सालों में भारत में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए हैं।
I have experienced that the attitude of local shopkeeprs has changed. They are not friendly at all and don’t realise that customers expect friendly attitude.