Bad News: अगर आप हाल ही में लॉन्च हुई सुभद्रा योजना की लाभार्थी हैं, तो आपके लिए यह खबर महत्वपूर्ण हो सकती है। ओडिशा सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई इस योजना में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। इसके तहत कुछ महिलाओं को योजना का लाभ मिलने से रोका जा रहा है और यह जानना आवश्यक है कि किन शर्तों के आधार पर ऐसा किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर ओडिशा सरकार ने इस वर्ष “सुभद्रा योजना” का शुभारंभ किया था। इस योजना का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिसमें हर पात्र महिला को सालाना 10,000 रुपये दिए जाने का प्रावधान है। परंतु हाल ही में योजना में किए गए बदलावों के अनुसार, सभी महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल सकेगा। आइए जानते हैं कि किन महिलाओं को इस योजना से बाहर रखा गया है और क्यों।
किन महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिलेगा?
सुभद्रा योजना का लाभ पाने के लिए कुछ आवश्यक पात्रताएं निर्धारित की गई हैं। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो महिलाएं सरकारी नौकरी में हैं, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगी। इसके अलावा, जो महिलाएं आयकर (टैक्स) भरती हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि बड़ी संख्या में ऐसी महिलाओं ने भी योजना के लिए आवेदन किया है, जो इसके लिए योग्य नहीं हैं। खासकर वे महिलाएं जिनकी वार्षिक आय 10 लाख रुपये से अधिक है या जो टैक्स पेयर हैं, उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
एक करोड़ महिलाओं को मिलेगा लाभ
सरकार ने इस योजना के तहत 2024-25 से 2028-29 तक एक करोड़ महिलाओं को लाभ देने का लक्ष्य रखा है। प्रत्येक पात्र महिला के खाते में 50,000 रुपये भेजे जाएंगे, जो 5,000 रुपये की दो किस्तों में प्रति वर्ष दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, महिलाओं को डेबिट कार्ड भी प्रदान किया जाएगा, जिससे वे डिजिटल भुगतान कर सकेंगी।
योजना के तहत प्रोत्साहन के रूप में हर ग्राम पंचायत और शहरी निकाय में सबसे ज्यादा डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाली 100 महिलाओं को 500 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे।
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना और उन्हें डिजिटल लेनदेन के प्रति जागरूक करना है। यदि आप योजना के पात्रता मानदंडों में आती हैं, तो इसका लाभ उठाने के लिए जल्द से जल्द जरूरी दस्तावेज जमा करें।