गोल्ड लोन एक सिक्योर्ड लोन है, जिसे सोने के गहनों या सोने के सिक्कों को गिरवी रख कर लिया जाता है, ज्यादातर गोल्ड लोन का इस्तेमाल शादी के लिए या फिर उच्च शिक्षा के लिए लिया जाता है, या फिर किसी मेडिकल इमेरजेंसी या पैसों की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाता है, क्योंकि गोल्ड लोन एक सिक्योर्ड लोन है।
गोल्ड लोन किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से पैसे उधार लेने का आसान तरीका है, इसमें कर्ज लेने वाले लोगों को अपने कीमती गहनों यानी सोने के गहनों को बैंक में कोलैटरल के तौर पर रखना पड़ता है, और 18 से 22 कैरेट के सोने के बदले लोन जारी करता है, इसमें पैसे उधार लेने के लिए किसी कीमती चीज को कोलैटरल के तौर पर देना पड़ता है, इसीलिए गोल्ड लोन को सिक्योर कैटेगरी का लोन माना जाता है, बैंक में 18 से 75 वर्ष की आयु का कोई भी भारतीय नागरिक गोल्ड लोन लेने के लिए अप्लाई कर सकता है।
लोन की अमाउंट कैसे तय होती है
SBI के अनुसार लोन अमाउंट सोने की प्योरिटी यानी 18, 20, 22 कैरेट और वजन के मुताबिक तय किया जाता है, बैंक द्वारा प्राइमरी गोल्ड मतलब 24 कैरेट सोने ओर बिस्कुट पर लोन नहीं दिया जाता है, और अगर कोई एक बार पहले भी SBI से गोल्ड लोन ले चुका है तो वो दुबारा लोन ले सकेगा, क्योंकि SBI की ओर से एक व्यक्ति को कम से कम 3 बार का गोल्ड का फायदा मिल सकता है, और इसमें बैंक की 50 लाख रुपए की तय लिमिट के अंदर वर्तमान लोन भी मिला होता हैं, हालाँकि अन्य बैंको की अलग-अलग कंडीशन रह सकती है।
गोल्ड लोन में ब्याज दर
गोल्ड लोन में सस्ते लोन मिल जाते है, इस समय बैंक 8.80 फीसदी से 19 फीसदी के ब्याज में गोल्ड लोन देने में लगे है, यह लोग 6 से 60 महीने मतलब छमाही से 5 वर्षों तक के टाइम पीरियड पर मिल रहे है, और हर एक बैंक के गोल्ड लोन की ब्याज दर में अंतर हो सकता है।
गोल्ड लोन लेने के लिए हर बैंक में योग्यता और शर्तें एक बैंक से दूसरे में अलग-अलग होती है, लेकिन आपको कुछ बुनियादी आवश्यकताओं जैसे की उम्र की सीमा को पूरा करना होगा, और गिरवी रखने के लिए आपके पास सोना होना चाहिए, जिसे बैंक में कोलैटरल के रुप में जमा किया जाता है।