केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) के लिए नए साल की शुरुआत एक बड़ी राहत लेकर आई है। 1 जनवरी 2024 से केंद्रीय कर्मचारियों को रिटायरमेंट (Retirement) पर मिलने वाली ग्रेच्युटी (Gratuity) की अधिकतम सीमा 25 लाख रुपये कर दी गई है। पहले यह सीमा 20 लाख रुपये थी। यह बदलाव 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के आधार पर किया गया है। खास बात यह है कि यह ग्रेच्युटी पूरी तरह से टैक्स-फ्री (Tax-Free) है। हालांकि, निजी क्षेत्र (Private Sector) के कर्मचारियों के लिए टैक्स-फ्री ग्रेच्युटी की सीमा अभी भी 20 लाख रुपये ही है।
महंगाई भत्ता 50% पार, ग्रेच्युटी सीमा में वृद्धि
डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर (Department of Pension and Pensioners’ Welfare) ने हाल ही में एक ऑफिस मेमोरंडम जारी किया, जिसमें बताया गया कि केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) 50% के पार पहुंचने के बाद ग्रेच्युटी सीमा में 25% की वृद्धि की गई है। यह निर्णय 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर लिया गया।
सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) 2021 नियमों के तहत यह फैसला लागू किया गया है। अब कर्मचारियों को रिटायरमेंट या मृत्यु के मामले में 25 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिलेगी। यह नई सीमा 1 जनवरी 2024 से प्रभावी है।
क्या होती है ग्रेच्युटी?
ग्रेच्युटी (Gratuity) एक ऐसी रकम है जो कर्मचारियों को उनके संगठन में लंबे समय तक सेवा देने के लिए सम्मान के रूप में दी जाती है। यह रकम एम्पलॉयर (Employer) द्वारा एम्पलॉय (Employee) को रिटायरमेंट, इस्तीफे या किसी विशेष परिस्थिति में दी जाती है। यह किसी कर्मचारी की ग्रॉस सैलरी का हिस्सा होती है, लेकिन इसका भुगतान नियमित रूप से नहीं किया जाता।
ग्रेच्युटी का लाभ लेने के लिए कर्मचारी को कम से कम 5 साल तक लगातार सेवा देनी होती है। हालांकि, मृत्यु या विकलांगता के मामलों में यह नियम लागू नहीं होता है।
ऐसे होती है ग्रेच्युटी की गणना
ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन कर्मचारी की अंतिम मासिक सैलरी के आधार पर किया जाता है। इसे निम्नलिखित नियमों के तहत कैलकुलेट किया जाता है:
- योग्यता अवधि: कर्मचारी को कम से कम 5 वर्षों तक सेवा देना जरूरी है।
- विशेष परिस्थितियां: मृत्यु या विकलांगता के मामलों में 5 साल की अनिवार्यता लागू नहीं होती।
- कैल्कुलेशन फॉर्मूला: ग्रेच्युटी=(अंतिम मासिक वेतन×15×सालों की संख्या)/26\text{ग्रेच्युटी} = (\text{अंतिम मासिक वेतन} \times 15 \times \text{सालों की संख्या}) / 26ग्रेच्युटी=(अंतिम मासिक वेतन×15×सालों की संख्या)/26 जहां 15 दिन का वेतन हर साल के लिए जोड़ा जाता है और 26 को महीने के कार्यदिवस के रूप में लिया जाता है।
ट्रेड यूनियनों की मांग: नियमों में बदलाव हो
हाल ही में ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से प्री-बजट मीटिंग के दौरान ग्रेच्युटी के नियमों में बदलाव की मांग की है। यूनियनों का सुझाव है कि वर्तमान में 15 दिनों की सैलरी के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन किया जाता है। इसे बढ़ाकर 1 महीने की सैलरी के आधार पर किया जाए। इससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर अधिक राशि प्राप्त होगी।
निजी और सरकारी कर्मचारियों के बीच अंतर
जहां केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है, वहीं निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए यह सीमा अब भी 20 लाख रुपये ही है। इस असमानता को दूर करने की मांग भी लगातार की जा रही है।
1 जनवरी 2024 से लागू होगा नया नियम
केंद्र सरकार के इस फैसले से लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा। महंगाई भत्ते में वृद्धि के कारण यह संशोधन किया गया है, जिससे रिटायरमेंट पर मिलने वाली ग्रेच्युटी की सीमा में वृद्धि हो गई है।