राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने बरेली में रिंग रोड प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज कर दिया है। भूमि अधिग्रहण से संबंधित कागजी कार्यवाही पूरी करने वाले किसानों को मुआवजा देने के लिए 300 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। इन धनराशियों को विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (SLAO) के माध्यम से किसानों के खातों में भेजा जाएगा।
भूमि अधिग्रहण और मुआवजा प्रक्रिया
रिंग रोड प्रोजेक्ट के लिए कुल 187 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है, जिसके लिए 863 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। अब तक पहली किस्त के रूप में 300 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। एनएचएआई के परियोजना निदेशक प्रशांत दुबे ने कहा कि जैसे-जैसे धनराशि जारी होगी, किसानों के खातों में मुआवजा भेजा जाएगा। भूमि अधिग्रहण के बाद रिंग रोड निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।
प्रोजेक्ट की विशेषताएं और निर्माण योजना
झुमका चौराहा से बुखारा होते हुए इनवर्टिस यूनिवर्सिटी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-30 से जुड़ेगी बरेली रिंग रोड। इस रिंग रोड की लंबाई 29.92 किलोमीटर होगी। फोर लेन सड़क के साथ-साथ यहां अंडरपास और ओवरब्रिज को सिक्स लेन के हिसाब से डिजाइन किया गया है।
मुख्य संरचनाएं:
- चार बड़े पुल और सात छोटे पुल प्रस्तावित।
- दो फ्लाईओवर और चार रेल ओवरब्रिज बनेंगे।
- 17 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड बनाई जाएगी।
इस परियोजना में अंडरपास, पुल और रेल ओवरब्रिज जैसे ढांचागत निर्माण पर अनुमानित लागत 995.75 करोड़ रुपये है।
निर्माण की दिशा में अगला कदम
एनएचएआई ने प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। निर्माण एजेंसी मार्च 2025 तक तय हो सकती है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो अक्टूबर 2025 से रिंग रोड का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
कुल लागत और वित्तीय प्रबंधन
इस रिंग रोड प्रोजेक्ट की कुल लागत 2074.90 करोड़ रुपये है। इसमें से 907.25 करोड़ रुपये निर्माण कार्यों के लिए आवंटित किए गए हैं। 1167.65 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण और करों जैसे अन्य खर्चों पर व्यय होंगे।
भू-स्वामियों के लिए राहत
प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद से किसानों और भू-स्वामियों को मुआवजे का इंतजार था। अब, 300 करोड़ रुपये जारी होने के साथ ही भू-स्वामियों को जल्द ही धनराशि मिलनी शुरू हो जाएगी। भूमि राशि पोर्टल के जरिए यह प्रक्रिया तेज गति से पूरी की जाएगी।
प्रोजेक्ट की प्रगति पर नजर
- लंबाई: 29.92 किलोमीटर
- सड़क की चौड़ाई: फोर लेन (अंडरपास और ओवरब्रिज सिक्स लेन)
- कुल लागत: 2074.90 करोड़ रुपये
- भूमि अधिग्रहण लागत: 863 करोड़ रुपये
- निर्माण लागत: 907.25 करोड़ रुपये
- अन्य व्यय: 1167.65 करोड़ रुपये
क्षेत्रीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
रिंग रोड के निर्माण से बरेली और आसपास के क्षेत्रों में यातायात का दबाव कम होगा। साथ ही औद्योगिक और शैक्षिक संस्थानों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति देने में सहायक होगी।