आजकल देश में साइबर अपराध बहुत बढ़ गए हैं। लोग अपने बैंक के पैसे चोरी होने की शिकार हो रहे हैं। अपराधी अब एक नए तरीके से पैसे चुरा रहे हैं, जिसे म्यूल बैंक अकाउंट कहा जाता है। ये ऐसे बैंक अकाउंट होते हैं जिनका इस्तेमाल अपराधी गलत कामों के लिए करते हैं। सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और ऐसे 4.5 लाख अकाउंट्स को बंद कर दिया है ताकि लोगों के पैसे सुरक्षित रह सकें।
म्यूल अकाउंट्स का उपयोग और जोखिम
म्यूल अकाउंट्स वो खाते होते हैं जिनका संचालन असल खाताधारक के स्थान पर कोई और करता है। ये अकाउंट्स किसी अन्य व्यक्ति के केवाईसी दस्तावेजों का उपयोग करके खोले जाते हैं और फिर मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी, और साइबर धोखाधड़ी जैसी अवैध गतिविधियों के लिए काम में लाए जाते हैं।
आई4सी (Indian Cyber Crime Coordination Centre) ने खुलासा किया कि इन म्यूल अकाउंट्स का उपयोग चेक, एटीएम, और डिजिटल माध्यमों के जरिए अवैध लेन-देन के लिए किया जा रहा है। इन खातों में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, और एयरटेल पेमेंट्स बैंक का नाम प्रमुखता से आता है।
सरकारी कार्रवाई और रिपोर्ट
I4C ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को एक बैठक में अवगत कराया कि म्यूल अकाउंट्स का संचालन बैंकों की प्रणाली की कमजोरियों के कारण संभव हो पा रहा है। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने पीएमओ और गृह मंत्रालय के साथ मिलकर इस मामले की गहराई से समीक्षा की है।
I4C की रिपोर्ट के मुताबिक
- SBI में 40,000 म्यूल अकाउंट्स
- पंजाब नेशनल बैंक में 10,000 म्यूल अकाउंट्स
- केनरा बैंक में 7,000 म्यूल अकाउंट्स
- कोटक महिंद्रा बैंक में 6,000 म्यूल अकाउंट्स
- एयरटेल पेमेंट्स बैंक में 5,000 म्यूल अकाउंट्स
जांच से सामने आया कि म्यूल अकाउंट्स का उपयोग अवैध पैसे निकालने के लिए तीन मुख्य तरीकों से किया जा रहा है—चेक, डिजिटल माध्यम और एटीएम।
साइबर अपराध रोकने के लिए कदम
बैठक में PMO के अधिकारियों को बताया गया कि केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों को निर्देश दिया है कि वे म्यूल अकाउंट्स पर सख्त कार्रवाई करें। राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के अनुसार, इस वर्ष अब तक लगभग 1 लाख साइबर शिकायतें दर्ज हुई हैं, और लगभग 17,000 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है।
म्यूल अकाउंट्स की पहचान और कार्रवाई
म्यूल अकाउंट्स की पहचान करना आसान नहीं होता, क्योंकि इनमें कई बार तीसरे व्यक्ति का दस्तावेज़ों का उपयोग होता है। सरकार अब बैंकों को निर्देश दे रही है कि वे केवाईसी प्रक्रिया को और सख्त करें और ग्राहकों की पहचान को मजबूत करें ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।
ऐसे होते है Mule Accounts
म्यूल अकाउंट्स आमतौर पर अवैध वित्तीय लेन-देन के लिए बनाए जाते हैं। इनका उद्देश्य अपराध से प्राप्त धन को बैंकिंग सिस्टम में वैधता प्रदान करना होता है। ऐसे खातों का उपयोग धोखाधड़ी के पैसों को एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है ताकि अपराध के स्रोत को छुपाया जा सके।