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NEET UG Big Change: नीट यूजी में बड़ा बदलाव, अब अनलिमिटेड एग्जाम नहीं दे सकेंगे सिर्फ तीन से चार बार ही मौका मिलेगा

NEET UG परीक्षा में बड़ा बदलाव: 2025 से छात्र केवल 3 से 4 बार ही प्रयास कर सकेंगे। यह कदम छात्रों की संख्या नियंत्रित करने और पेपर लीक जैसी समस्याओं को कम करने के लिए लिया गया है। परीक्षा अब कंप्यूटर आधारित हाइब्रिड मोड में भी हो सकती है।

By PMS News
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NEET UG Big Change: नीट यूजी में बड़ा बदलाव, अब अनलिमिटेड एग्जाम नहीं दे सकेंगे सिर्फ तीन से चार बार ही मौका मिलेगा
NEET UG Big Change

नीट यूजी (NEET UG) की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक अहम बदलाव की सूचना है। अब छात्र इस परीक्षा के लिए अनलिमिटेड प्रयास नहीं कर सकेंगे। नए नियमों के अनुसार, छात्रों को केवल तीन से चार बार ही परीक्षा देने का मौका मिलेगा। यह बदलाव 2025 से लागू हो सकता है, जिसका उद्देश्य परीक्षा में लगातार बढ़ती छात्र संख्या को नियंत्रित करना और व्यवस्थाओं को सुचारू बनाना है।

बदलाव का कारण और उद्देश्य

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा गठित समीक्षा समिति ने यह सिफारिश दी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित इस समिति ने सलाह दी है कि छात्रों को केवल 3 से 4 प्रयासों का विकल्प दिया जाए। इसका उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाना है। इसके अतिरिक्त, पेपर लीक जैसी समस्याओं से निपटने के लिए भी यह कदम उठाया गया है। अभी तक NEET UG में असीमित प्रयास की अनुमति थी, लेकिन लगातार परीक्षा की संख्या बढ़ने से इस पर नियंत्रण लाना आवश्यक हो गया है।

आयु सीमा और अन्य सिफारिशें

समीक्षा समिति ने एक आयु सीमा निर्धारित करने का भी सुझाव दिया है ताकि परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या पर नियंत्रण पाया जा सके। यह कदम पुराने अखिल भारतीय प्री मेडिकल टेस्ट (AIPMT) के तर्ज पर उठाया गया है, जिसमें छात्रों को केवल तीन बार प्रयास करने का विकल्प मिलता था। इसके अलावा, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में पेपर भेजने और प्रश्न पत्र लीक होने की समस्या को कम करने के लिए भी समिति ने यह बदलाव सुझाया है।

कंप्यूटर आधारित परीक्षा की संभावना

समिति ने NEET UG परीक्षा को कंप्यूटर आधारित हाइब्रिड मोड में आयोजित करने की सलाह भी दी है। इससे प्रश्न पत्र लीक होने की संभावना कम होगी और पेपर पेन आधारित परीक्षा में आने वाली समस्याओं का समाधान होगा। हाइब्रिड मोड से पेपर OMR शीट के बजाय कंप्यूटर पर दिया जाएगा, जिससे पेपर सुरक्षा को और बढ़ाया जा सकेगा।

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उच्च स्तरीय समिति का गठन

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी उच्च स्तरीय समिति में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विजय राव और आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर आदित्य मित्तल जैसे प्रमुख सदस्यों को शामिल किया गया है। इस समिति ने 22 बैठकों में देश भर से मिले सुझावों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है।

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