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किसानों के लिए खुशखबरी! मुफ्त तोरिया बीज मिनीकिट देने वाली योजना शुरू, आज से करें आवेदन

अब मिलेगा मुफ्त तोरिया बीज मिनीकिट, जानें कैसे उठाएं यह खास योजना का लाभ! आज ही करें आवेदन और अपने खेतों में तोरिया की फसल उगाकर बढ़ाएं आय। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक जानकारी और आवेदन प्रक्रिया जानने के लिए पूरा पढ़ें।

By PMS News
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किसानों के लिए खुशखबरी! मुफ्त तोरिया बीज मिनीकिट देने वाली योजना शुरू, आज से करें आवेदन
किसानों के लिए खुशखबरी! मुफ्त तोरिया बीज मिनीकिट देने वाली योजना शुरू, आज से करें आवेदन

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने राज्य में तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है। साथ ही योगी सरकार के नेतृत्व में कृषि विभाग ने किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है। इसके अलावा इस योजना के तहत किसानों को मुफ्त में तोरिया (Toria) फसल का 2 किलोग्राम बीज मिनीकिट दिया जाएगा, यूपी में इस योजना की शुरुआत मुख्य रूप से तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है।

आवेदन की तारीख और प्रक्रिया

अगर आप भी तोरिया की फसल उगाने का सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है। उत्तर प्रदेश कृषि विभाग द्वारा संचालित इस राज्य सहायतित निःशुल्क तिलहन बीज मिनीकिट वितरण कार्यक्रम के तहत किसानों को तोरिया बीज मिनीकिट मिलेगा। इसके लिए आवेदन 1 अगस्त से शुरू हो चुके हैं और अंतिम तिथि 15 अगस्त है। किसान केवल कृषि विभाग के पोर्टल agridarshan.up.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया में किसी भी तरह की समस्या से बचने के लिए, किसान केवल पंजीकृत कृषि पोर्टल पर ही आवेदन करें।

बीज वितरण के नियम और शर्तें

किसान योजना के तहत मिलने वाली मिनिकिट सिर्फ एक ही प्राप्त कर सकते हैं, और अगर आवेदन संख्या तय सीमा से अधिक हुई तो लाभार्थियों का चयन ऑनलाइन लॉटरी के जरिए किया जाएगा। बीज मिनिकिट का वितरण राज्य के कृषि बीज भंडारों से POS मशीन के माध्यम से किया जाएगा, यह बीज मिनिकिट किसानों को फसल के उत्पादन में मदद करेगा, और तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा देगा, किसान भाइयों के लिए यह योजना लाभकारी साबित हो सकती है, क्योंकि यह उन्हें एक कम लागत में उच्च गुणवत्ता का बीज प्रदान करती है।

तोरणिया की खेती से होगी आय में वृद्धि

तोरिया फसल तिलहन के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह वानस्पतिक तेल का एक प्रमुख स्रोत है, और हमारे आहार में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसके अलावा, तोरिया फसल का तेल हार्ड रोगियों और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव करने में सहायक होता है। तोरिया के अलावा तिल, सोयाबीन, सूरजमुखी, मूंगफली जैसी फैसले भी वानस्पतिक खाद्य तेल और वसा की आवश्यकताओं को पूरा करती हैं, जिससे किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा होता है।

कृषि विभाग के पोर्टल पर कैसे करें आवेदन

किसानों को पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण कराना होगा और फिर बीज मिनीकिट के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वे पंजीकृत किसान हैं। कृषि विभाग ने इस योजना के तहत किसानों के लिए एक ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें किसान अपने कृषि विवरण को सही तरीके से भरकर आवेदन कर सकते हैं।

तोरिया की खेती के लाभ और तरीका

किसानों को तोरिया की खेती में कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। खेत की तैयारी के लिए पहले मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करें और फिर देशी हल से 2-3 जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बना लें। बीज दर की बात करें तो एक हेक्टेयर क्षेत्र में 4 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, बीज उपचार के लिए 25 ग्राम थीरम प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज को उपचारित करें।

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तोरिया की उन्नत किस्मों में टा-36 (पीली), टा-9 (काली), भवानी (काली), पीटी-303 (काली) और पीटी-30 (काली) शामिल हैं, जिनकी उत्पादन क्षमता क्रमशः 10-18 कुं./हे. तक होती है। बुवाई की समय सीमा सितंबर के पहले पखवारे तक होती है।

तोरणिया की फसल के लिए सिंचाई और कटाई का तरीका

तोरिया के पौधे फूल निकलने और दाना भरने की स्थिति में जल की कमी के प्रति संवेदनशील होते हैं। इस समय सिंचाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। बुवाई के 25-30 दिन बाद फूल आने पर पहली सिंचाई करें। इसके बाद, फसल को काटते समय यह ध्यान रखें कि जब 75% फलियां सुनहरे रंग की हो जाएं, तो फसल को काटकर सुखा लें और फिर मड़ाई करें।

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चयनित किसानों के लिए वितरण प्रक्रिया

जब किसानों का चयन लॉटरी के जरिए किया जाएगा, तो POS मशीन के माध्यम से राज्य के कृषि बीज भंडारों से बीज मिनीकिट वितरित किया जाएगा। यह एक डिजिटल तरीका है जिससे किसानों को जल्दी और आसानी से बीज मिलेगा।

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