
सऊदी अरब, जो कभी पाकिस्तान का करीबी सहयोगी माना जाता था, अब भारत के साथ मजबूत रणनीतिक और आर्थिक संबंध साझा करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच व्यक्तिगत संबंधों ने दोनों देशों के बीच सहयोग को और प्रगाढ़ किया है। हाल ही में, सऊदी विदेश मंत्री अदेल अल-जुबैर ने भारत और पाकिस्तान दोनों का दौरा कर तनाव कम करने की अपील की थी।
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ईरान: तटस्थता और मध्यस्थता की पेशकश
ईरान ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने पहले पाकिस्तान और फिर भारत का दौरा कर दोनों पक्षों के साथ बातचीत की। उन्होंने क्षेत्रीय शांति और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तनाव कम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
तुर्की: पाकिस्तान का समर्थन
तुर्की ने पाकिस्तान के प्रति अपना समर्थन स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है। राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने भारत के सैन्य अभियानों की आलोचना करते हुए पाकिस्तान के साथ एकजुटता दिखाई है। तुर्की ने कश्मीर मुद्दे पर भी पाकिस्तान के रुख का समर्थन किया है।
अमेरिका: मध्यस्थता और तनाव कम करने की पहल
अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाई है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने दोनों देशों के नेताओं से बातचीत कर संघर्षविराम की दिशा में प्रयास किए। हालांकि, अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह सीधे हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन कूटनीतिक माध्यमों से शांति स्थापित करने का समर्थन करता है।
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चीन: तटस्थता और संयम की अपील
चीन ने भारत और पाकिस्तान दोनों से शांति की अपील की है, लेकिन पाकिस्तान चीन से हथियारों की आपूर्ति करता है, चीन ने यह स्पष्ट नहीं किया की वह किसका समर्थन कर रहा है, हालांकि चीन के विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों से स्थिति को और जटिल बनाने से बचने का आग्रह किया है।
नेपाल: आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ
नेपाल ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है। नेपाल सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी धरती का उपयोग किसी भी विरोधी ताकत द्वारा पड़ोसी देशों के खिलाफ नहीं होने देगी। नेपाल के वरिष्ठ नेताओं ने भी आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों का समर्थन किया है।