राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है जिसमें उन्होंने बताया कि आगामी सर्दी की छुट्टियां अब कड़ाके की सर्दी पर आधारित होंगी, न कि किसी निश्चित तारीख पर। पहले, सर्दी चाहे हो या न हो, छुट्टियां 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक होती थीं। लेकिन अब शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है कि सर्दी के आधार पर ही छुट्टियां दी जाएंगी, और यदि सर्दी 1 जनवरी से शुरू होती है, तो छुट्टियां उसी दिन से होंगी।
राजस्थान में सर्दियों की छुट्टियां आमतौर पर शैक्षिक कैलेंडर में पहले से निर्धारित होती थीं, जो बच्चों के लिए राहत का समय होता था। हालांकि, इस व्यवस्था से कुछ समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं, जैसे कि कई बार सर्दी न पड़ने पर भी छुट्टियां घोषित कर दी जाती थीं, जिससे स्कूलों और शिक्षा प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता था। मदन दिलावर ने यह स्पष्ट किया कि अब छुट्टियां केवल कड़ाके की सर्दी पड़ने पर ही दी जाएंगी, ताकि बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े।
शीतकालीन अवकाश के लिए नया तरीका
राजस्थान में शिक्षा विभाग ने 28 जुलाई को 2024-25 का एनुअल कैलेंडर जारी किया था, जिसमें सर्दी की छुट्टियां 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक निर्धारित की गई थीं। अब, मंत्री के बयान के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि भविष्य में शीतकालीन अवकाश की तारीखों में बदलाव हो सकता है। शिक्षा विभाग इस पर मंथन कर रहा है कि किस प्रकार से बच्चों की पढ़ाई में किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो और शीतकालीन अवकाश को मौसम के अनुसार निर्धारित किया जाए।
शिक्षा विभाग के कैलेंडर में बदलाव की संभावना
मदन दिलावर ने कहा कि शिक्षा विभाग शीतकालीन अवकाश के लिए भविष्य में कुछ बदलाव कर सकता है। पहले, जो कैलेंडर जारी किया गया था, उसमें 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक सर्दियों की छुट्टियां तय की गई थीं। लेकिन अब इस बात की संभावना है कि शिक्षा विभाग का नया कैलेंडर इस बात पर निर्भर करेगा कि कब और कितनी सर्दी पड़ती है। इस बदलाव से बच्चों के शिक्षा पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
सर्दी की छुट्टियों का सीधा प्रभाव
राजस्थान के स्कूलों में सर्दी की छुट्टियां छात्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती हैं, क्योंकि यह बच्चों को पढ़ाई और अन्य गतिविधियों से थोड़ी राहत देती है। पिछले साल 2023 में भी सर्दी की छुट्टियां 24 दिसंबर से शुरू होकर 5 जनवरी तक रही थीं। हालांकि, इस समय में सर्दी नहीं पड़ने की स्थिति में छुट्टियों का घोषित होना, बच्चों के पढ़ाई में व्यवधान डाल सकता था, जिसे अब सरकार ने संबोधित किया है।