वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के शेयरधारकों के लिए आज का दिन एक महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आया है। सरकार के एक बड़े निर्णय के बाद कंपनी के शेयरों में 17 फीसदी की तेजी देखने को मिली। यह वृद्धि टेलीकॉम ऑपरेटरों को 2022 तक खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए बैंक गारंटी देने की अनिवार्यता को समाप्त करने के फैसले का परिणाम है। इस निर्णय से वोडाफोन आइडिया को सबसे अधिक लाभ हुआ, क्योंकि कंपनी पर सितंबर 2024 से फरवरी 2025 तक लगभग 24,700 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा करने का भारी बोझ था। अब इस छूट के बाद, वोडाफोन आइडिया के शेयर 17 प्रतिशत बढ़कर 8.28 रुपये तक पहुंच गए हैं।
कंपनी की वित्तीय स्थिति पिछले कुछ समय से चुनौतीपूर्ण रही है। इसके बावजूद, इस छूट ने वोडाफोन आइडिया के भविष्य के लिए कुछ सकारात्मक संकेत दिए हैं। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में 7 फीसदी की गिरावट देखी गई थी, लेकिन इस सरकार के निर्णय ने बाजार में एक नया उत्साह जगा दिया है। वोडाफोन आइडिया की कुल देनदारी लगभग 2.12 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है, जिसमें 1.52 लाख करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम भुगतान और 70,300 करोड़ रुपये का एजीआर (Adjusted Gross Revenue) बकाया शामिल है।
वोडाफोन आइडिया की कर्ज चुकता करने की क्षमता
वोडाफोन आइडिया ने दूरसंचार विभाग (DoT) से 24,700 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी छूट की मांग की थी, जो अब मंजूर हो चुकी है। इस फैसले के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी की कर्ज चुकता करने की क्षमता में सुधार होगा, और इससे कंपनी को अपनी वित्तीय स्थिति को स्थिर करने में मदद मिलेगी। इस फैसले का असर वोडाफोन आइडिया की आगामी पूंजी जुटाने की योजनाओं पर भी पड़ेगा। कंपनी अगले तीन वर्षों में 50,000 से 55,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय (Capex) करने की योजना बना रही है, जिससे उसकी नेटवर्क क्षमता और सेवाओं में सुधार होगा।
वोडाफोन आइडिया ने हाल ही में 42,000 नई 4G साइट्स जोड़ी हैं और 19,700 3G साइट्स को बंद कर दिया है। इसके साथ ही, कंपनी ने 5G नेटवर्क के रोलआउट की दिशा में भी कदम बढ़ाए हैं। कंपनी का लक्ष्य 2025 की चौथी तिमाही तक प्रमुख शहरों में 5G सेवाओं की शुरुआत करना है, और 2025 तक 120 करोड़ की 4G कवरेज तक पहुंचने की योजना है। इन पहलुओं से यह स्पष्ट होता है कि वोडाफोन आइडिया अपनी तकनीकी बुनियादी ढांचे में निवेश करने को लेकर गंभीर है और भविष्य में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए कई नई योजनाओं पर काम कर रहा है।
ग्राहकों का पलायन और टैरिफ वृद्धि का असर
वोडाफोन आइडिया के लिए एक और महत्वपूर्ण मुद्दा ग्राहकों का पलायन है। जुलाई 2024 में हुए टैरिफ वृद्धि के बाद, कंपनी के कई ग्राहक BSNL में चले गए थे। हालांकि, अगस्त 2024 से यह ट्रेंड बदलने लगा है। वोडाफोन आइडिया को उम्मीद है कि अगली दो तिमाहियों में टैरिफ वृद्धि का पूरा असर दिखाई देगा। इससे कंपनी के राजस्व में बढ़ोतरी होने की संभावना है, क्योंकि ग्राहक नए टैरिफ की स्थिति में आकर फिर से जुड़ेगा।
जियो और एयरटेल के मुकाबले वोडाफोन आइडिया की स्थिति
जियो और एयरटेल, जो पहले ही स्पेक्ट्रम बकाया का भुगतान कर चुके हैं, ने अपने ब्याज खर्च को काफी हद तक कम किया है। जियो पर सालाना 4,000 करोड़ रुपये और एयरटेल पर 3,000 करोड़ रुपये का बैंक गारंटी का दायित्व है, जबकि वोडाफोन आइडिया के लिए यह आंकड़ा बहुत अधिक था। इस असंतुलन को ध्यान में रखते हुए, वोडाफोन आइडिया के लिए अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने और बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए त्वरित कदम उठाना आवश्यक है।