सरकार द्वारा चलाई जा रही एक मुश्त समाधान योजना (One-Time Settlement Scheme) का प्रचार-प्रसार करने और बकाया बिजली बिलों की वसूली के लिए बिजली विभाग की टीम वजीरगंज के ग्राम रोटा पहुंची। लेकिन यह दौरा अधिकारियों के लिए तनावपूर्ण साबित हुआ। गाँव के एक परिवार ने टीम पर हमला कर दिया, जिसके बाद हालात बेकाबू हो गए।
28,000 रुपये बकाया, केबल काटने पर मचा हंगामा
वजीरगंज बिजली उपकेंद्र के टीजी2 अधिकारी निकिल कुमार के नेतृत्व में विद्युत संविदा कर्मचारी गांव रोटा पहुंचे। यहाँ रामकुमार नामक व्यक्ति पर लगभग ₹28,000 का बिजली बिल बकाया था। अधिकारियों ने उसे सरकार की एक मुश्त समाधान योजना (OTS) के तहत बकाया बिल का भुगतान करने की अपील की।
हालांकि, जब रामकुमार ने बिल जमा नहीं किया, तो विभागीय निर्देशों के अनुसार उसकी बिजली का केबल काट दिया गया। इस कार्रवाई के बाद रामकुमार और उसके परिवार ने बिजली विभाग की टीम पर हमला कर दिया।
टीम पर मारपीट, चप्पल से हमला
रामकुमार के पूरे परिवार ने बिजली विभाग की टीम को घेर लिया। विवाद इतना बढ़ गया कि रामकुमार की पत्नी ज्योति ने कर्मचारियों पर चप्पल से हमला कर दिया। हालात बिगड़ते देख कर्मचारियों ने 112 पर कॉल कर पुलिस को बुलाया। पुलिस के आने से पहले ही हमलावर परिवार फरार हो गया।
कर्मचारी किसी तरह अपनी जान बचाकर वापस वजीरगंज के बिजली घर पहुंचे और थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पुलिस की निष्क्रियता से बढ़ा कर्मचारियों का रोष
घटना के बाद बिजली विभाग के कर्मचारियों ने वजीरगंज थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज करवाई। हालांकि, कर्मचारियों का आरोप है कि पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। पुलिस की निष्क्रियता के चलते कर्मचारियों में भय और आक्रोश है।
बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि पुलिस जल्द कार्रवाई नहीं करती है, तो वे इस्तीफा देने पर मजबूर हो जाएंगे। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि उनके कार्यस्थलों पर ऐसे हमले होने से वे सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।
एक मुश्त समाधान योजना: सरकार की पहल
बिजली विभाग द्वारा चलाई जा रही एक मुश्त समाधान योजना उपभोक्ताओं के बकाया बिजली बिलों को चुकाने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है। योजना का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत देना और राजस्व वसूली को बढ़ावा देना है। इसके तहत उपभोक्ता बकाया बिल पर पेनल्टी और ब्याज में छूट का लाभ उठा सकते हैं।
हालांकि, रोटा गाँव की घटना ने इस योजना को लागू करने में आने वाली चुनौतियों को उजागर किया है। अधिकारियों को ऐसे मामलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है ताकि योजनाओं का प्रचार-प्रसार प्रभावी रूप से हो सके।
कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना न केवल विभागीय कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने में आने वाली कठिनाइयों को भी दर्शाती है। बिजली विभाग के कर्मचारियों ने इस घटना के बाद अपनी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की मांग की है।
सरकार और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।