Vastu Tips: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का विशेष महत्व है और इनकी मूर्तियां मंदिरों में प्रतिष्ठापित कर पूजा-अर्चना की जाती है। हालांकि, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां घर के मंदिर में नहीं रखी जा सकतीं। ऐसा कहा जाता है कि कुछ देवताओं की मूर्तियां घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है, जिससे परिवार आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करने लगता है।
आज हम आपको ऐसे तीन प्रमुख देवी-देवताओं के बारे में बता रहे हैं, जिनकी मूर्तियां घर में रखना वर्जित है। शास्त्रों के अनुसार, इनकी पूजा घर के मंदिर में नहीं की जानी चाहिए, अन्यथा इसके विपरीत प्रभाव घर पर पड़ सकते हैं।
1. भैरवनाथ की मूर्ति घर में रखना वर्जित क्यों है?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भैरवनाथ भगवान शिव के रौद्र अवतार माने जाते हैं। आमतौर पर लोग ऊपरी बाधाओं से बचने, शत्रुओं पर विजय पाने या अन्य विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उनकी पूजा करते हैं। हालांकि, शास्त्रों में यह कहा गया है कि भैरवनाथ की मूर्ति की पूजा घर में नहीं करनी चाहिए। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, भैरवनाथ की मूर्ति घर में रखने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है, जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इससे परिवार के सदस्यों के जीवन में आर्थिक समस्याएं, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां और अन्य कठिनाइयां आ सकती हैं। इसलि, भैरवनाथ की पूजा केवल उनके मंदिर में ही की जानी चाहिए, ताकि उनकी कृपा से मनोवांछित फल प्राप्त हो सके।
2. शनिदेव की मूर्ति घर में क्यों नहीं रखनी चाहिए?
शनिदेव को न्याय के देवता माना जाता है और उनकी पूजा का दिन शनिवार होता है। शनिदेव की कृपा पाने के लिए लोग विशेषकर शनिवार को उनके मंदिर में जाकर दर्शन करते हैं। हालांकि, शास्त्रों के अनुसार शनिदेव की मूर्ति को घर के मंदिर में स्थापित करने का निषेध है। शनिदेव को कठोर देवता माना गया है और उनकी पूजा में विशेष नियमों का पालन किया जाना आवश्यक है।
घर में यदि उनके पूजा विधि का उल्लंघन हो जाए तो शनिदेव का क्रोध उस व्यक्ति और उसके परिवार पर विपरीत असर डाल सकता है। शनिदेव की मूर्ति घर में रखने से घर में समस्याओं का आगमन हो सकता है और जीवन में अशांति का संचार हो सकता है। अतः शनिदेव की पूजा केवल उनके मंदिर में जाकर ही करनी चाहिए।
3. राहु-केतु की मूर्तियां क्यों नहीं रखनी चाहिए?
राहु और केतु, जिन्हें छाया ग्रह के रूप में जाना जाता है, ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को जीवन की बाधाओं और कठिनाइयों से छुटकारा मिलता है। हालांकि, शास्त्रों में यह भी उल्लेख है कि राहु और केतु की मूर्तियों को घर के मंदिर में रखना वर्जित है। ऐसा माना जाता है कि राहु और केतु की मूर्तियां घर में रखने से घर के लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इनकी मूर्तियों के कारण घर में मानसिक तनाव, आर्थिक समस्याएं और अनचाही परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, राहु और केतु की पूजा भी उनके मंदिर में ही की जानी चाहिए।
क्या करें अगर गलती से घर में रख दी है ये मूर्तियां?
यदि गलती से आप इनमें से किसी भी देवी-देवता की मूर्ति अपने घर में रख चुके हैं, तो उसे सम्मानपूर्वक उनके मंदिर में ले जाकर पुजारी को लौटा दें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और जीवन में शांति का संचार होता है। धार्मिक और वास्तु मान्यताओं का पालन करना, न केवल घर में सकारात्मकता लाता है बल्कि देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है।