
अब्राहम लिंकन, पाब्लो पिकासो और अगाथा क्रिस्टी बड़े मशहूर लोग थे। हैरानी की बात है कि इन तीनों ने मरने से पहले अपनी संपत्ति के बारे में कोई कानूनी कागज़ (वसीयत) नहीं बनवाया था। वसीयत एक ऐसा कागज़ होता है जिससे कोई भी व्यक्ति मरने के बाद अपनी प्रॉपर्टी, बैंक में जमा पैसे, एफडी, शेयर और म्यूचुअल फंड जैसी चीज़ें किसे मिलेंगी, यह तय कर सकता है।
Estate Planning में Will का क्या महत्व है
हाल के वर्षों में जब मैंने अपने क्लाइंट्स के साथ एस्टेट प्लानिंग पर चर्चा की, तो यह साफ़ हुआ कि बहुत से लोग वसीयत को अनावश्यक समझते हैं। उनके मुताबिक, अच्छे संस्कारों के कारण उनके बच्चों में संपत्ति को लेकर झगड़ा नहीं होगा। कुछ लोग यह सोचते हैं कि नॉमिनी तय कर देने से काम पूरा हो गया। हालांकि, वास्तविकता इससे अलग है।
इतिहास गवाह है कि कई प्रतिष्ठित और नैतिक रूप से मजबूत परिवारों में भी संपत्ति विवाद कोर्ट तक पहुंचे हैं। अक्सर ऐसा तब होता है जब वसीयत नहीं होती, या नॉमिनी और कानूनी वारिस में टकराव होता है।
Nominee vs Legal Heir
बैंक अकाउंट, इंश्योरेंस पॉलिसी, डीमैट और म्यूचुअल फंड्स में नॉमिनी नियुक्त करना ज़रूरी है, लेकिन यह पूरी तरह से पर्याप्त नहीं है। नॉमिनी केवल एक ट्रस्टी होता है, जो संबंधित कंपनी की ओर से फंड या संपत्ति को संभालता है। इसका मतलब यह नहीं है कि वह संपत्ति का पूर्ण मालिक बन जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में स्पष्ट किया है कि नॉमिनी को संपत्ति का मालिक नहीं माना जा सकता, जब तक कि वह कानूनी वारिस भी न हो। कोर्ट ने कहा कि नॉमिनेशन एक प्रशासनिक सुविधा है, जो कंपनी को सही लाभार्थी की पहचान करने के बोझ से मुक्त करती है। लेकिन अंतिम अधिकार हमेशा कानूनी वारिस के पास ही रहता है।
क्या केवल नॉमिनी बनाना पर्याप्त है?
साफ़ शब्दों में कहें तो नॉमिनेशन जरूरी है, पर काफी नहीं। यदि आप अपने बैंक अकाउंट, इंश्योरेंस और डीमैट अकाउंट में किसी को नॉमिनी बनाते हैं, तो आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वही व्यक्ति वसीयत में भी लाभार्थी के रूप में शामिल हो। इससे भविष्य में संपत्ति वितरण को लेकर किसी भी विवाद की संभावना कम हो जाती है।
वसीयत का अभाव आपके परिवार के लिए अनावश्यक कानूनी झंझटों का कारण बन सकता है। इसके विपरीत, एक स्पष्ट और विधिवत Will आपके जीवन की अंतिम जिम्मेदारी को सही रूप में पूरा करता है।