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School Holidays in UP: कुंवारे शिक्षकों को मिलेंगी कम छुट्टियां, शादीशुदा शिक्षिकाओं को करवा चौथ की छुट्टी, स्कूलों में सरकारी अवकाश का कैलेंडर जारी

उत्तर प्रदेश में स्कूलों की छुट्टियों का नया कैलेंडर जारी, जिसमें करवा चौथ की छुट्टी केवल शादीशुदा शिक्षिकाओं के लिए रखी गई है। जानें 119 छुट्टियों का पूरा प्लान और कैसे विवेकाधीन अवकाश पर प्रिंसिपल के पास है फैसला करने का अधिकार। पढ़ें छुट्टियों से जुड़ी हर जरूरी जानकारी।

By PMS News
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School Holidays in UP: कुंवारे शिक्षकों को मिलेंगी कम छुट्टियां, शादीशुदा शिक्षिकाओं को करवा चौथ की छुट्टी, स्कूलों में सरकारी अवकाश का कैलेंडर जारी
School Holidays in UP: कुंवारे शिक्षकों को मिलेंगी कम छुट्टियां, शादीशुदा शिक्षिकाओं को करवा चौथ की छुट्टी, स्कूलों में सरकारी अवकाश का कैलेंडर जारी

उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2025 के लिए स्कूलों की छुट्टियों का कैलेंडर जारी कर दिया है। इस बार छुट्टियों में कुछ खास बदलाव किए गए हैं, जो चर्चा का विषय बन गए हैं। नए कैलेंडर के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा पर 12 मई को अवकाश घोषित किया गया है। वहीं, करवा चौथ की छुट्टी केवल शादीशुदा महिला शिक्षिकाओं को दी जाएगी, जबकि अन्य शिक्षकों के लिए यह अवकाश लागू नहीं होगा।

छुट्टियों का कैलेंडर जारी

जारी कैलेंडर के अनुसार, पूरे साल में माध्यमिक स्कूलों को कुल 119 छुट्टियां मिलेंगी, जिनमें 30 निर्धारित छुट्टियां और गर्मी व शीतकालीन अवकाश शामिल हैं। रविवार के छुट्टियों को मिलाकर यह संख्या और बढ़ जाती है। इसके अलावा, 12 दिन बोर्ड परीक्षाओं के लिए आरक्षित रखे गए हैं और कुल 234 कार्य दिवस होंगे।

विवेकाधीन छुट्टियां और क्षेत्रीय त्योहार

शिक्षकों को विशेष परिस्थितियों में प्रिंसिपल तीन दिन तक की विवेकाधीन छुट्टियां प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा, क्षेत्रीय त्योहार जैसे हरियाली तीज, हरितालिका तीज, जिउतिया व्रत आदि के लिए महिला शिक्षिकाओं को प्रार्थना पत्र के आधार पर दो छुट्टियां दी जा सकती हैं।

करवा चौथ पर विशेष नियम

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि करवा चौथ की छुट्टी केवल शादीशुदा महिला शिक्षकों को दी जाएगी। यह फैसला शिक्षकों और छात्रों के लिए समान रूप से लागू है। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में, हालांकि, सभी शिक्षिकाओं को करवा चौथ की छुट्टी दी जाएगी।

राष्ट्रीय पर्वों और शोक सभाओं का आयोजन

राष्ट्रीय पर्वों पर स्कूलों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। महापुरुषों और क्रांतिकारियों की जयंती पर छात्रों के लिए सेमिनार और गोष्ठियों का आयोजन अनिवार्य होगा, ताकि वे उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें। शोक सभाएं केवल स्कूल से जुड़े व्यक्तियों के निधन पर अंतिम वादन में आयोजित की जाएंगी।

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बदलावों का उद्देश्य

इन बदलावों का उद्देश्य शिक्षकों को उनके सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने का मौका देना है, साथ ही छात्रों को प्रेरणादायक कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षित करना है।

क्या कहते हैं शिक्षक?

इस फैसले को लेकर शिक्षक समुदाय में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ शिक्षकों का मानना है कि ये बदलाव सकारात्मक हैं, जबकि कुछ इसे भेदभावपूर्ण मानते हैं।

क्या आप इन बदलावों से सहमत हैं? अपनी राय हमें बताएं।

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