उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क सुरक्षा को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों ने उन्हें गहरी चिंता में डाल दिया है। हर वर्ष करीब 23-25 हजार लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु होती है, जो न केवल पीड़ित परिवारों के लिए बल्कि राज्य और देश के लिए भी बड़ी क्षति है। इसे रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा नियमों (road safety rules in Uttar Pradesh) के सख्त पालन पर जोर दिया है।
जनपद स्तर पर सड़क सुरक्षा बैठकें
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रत्येक जिले में मासिक सड़क सुरक्षा बैठकें आयोजित की जाएं। इन बैठकों में पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, आरटीओ, पीडब्ल्यूडी अधिकारी और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस प्रक्रिया में दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों का विश्लेषण करके समाधान की कार्ययोजना बनाई जाएगी।
महाकुंभ 2025 के लिए यातायात प्रबंधन
महाकुंभ 2025 के लिए मुख्यमंत्री ने विशेष ट्रैफिक प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पीआरडी और होमगार्ड्स की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया, ताकि यातायात प्रबंधन सुचारू रहे और यात्री सुविधाजनक यात्रा का अनुभव कर सकें।
ई-रिक्शा संचालन में सुधार
ई-रिक्शा संचालन को लेकर मुख्यमंत्री ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। नाबालिगों की भागीदारी को रोकने, पंजीकरण (E-Rickshaw Registration Process) अनिवार्य करने और ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने के लिए कड़े नियम लागू किए जाएंगे।
हेलमेट और सीट बेल्ट का पालन
सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों (road safety awareness program) के माध्यम से मुख्यमंत्री ने लोगों को हेलमेट, सीट बेल्ट और अन्य यातायात नियमों के महत्व को समझाने की पहल की है। उन्होंने कहा कि ओवरलोड वाहनों को प्रारंभिक बिंदु पर ही रोका जाए ताकि दुर्घटनाओं की संभावना को कम किया जा सके।
स्कूली बच्चों के लिए विशेष पहल
सड़क सुरक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाकर मुख्यमंत्री ने बच्चों के बीच यातायात नियमों की जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया है। उन्होंने स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब और पार्क स्थापित करने, साथ ही निबंध प्रतियोगिता और नाटकों जैसे कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
बसों की फिटनेस और ड्राइवरों की स्वास्थ्य जांच
परिवहन निगम की बसों की फिटनेस और ड्राइवरों की स्वास्थ्य जांच (Health Checkup for Bus Drivers) को अनिवार्य किया गया है। गैर अनुबंधित बसों का पंजीकरण कर निर्धारित रूट प्रदान करने की योजना भी बनाई गई है।
अवैध स्टैंड और ध्वनि प्रदूषण पर रोक
मुख्यमंत्री ने अवैध स्टैंड और मोडिफाई साइलेंसर वाले बाइकों पर रोक लगाने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, रेहड़ी-पटरी वालों को वेंडिंग जोन में स्थानांतरित करने के लिए नगर निकायों को निर्देशित किया गया है।
गोल्डन आवर में मदद की अपील
दुर्घटनाओं के दौरान गोल्डन आवर (Golden Hour Assistance in Accidents) की अहमियत पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने की अपील की। साथ ही, एंबुलेंस रिस्पॉन्स टाइम को कम करने के लिए भी निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल लखनऊ तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। हर तीसरे महीने शासन स्तर पर प्रगति की समीक्षा की जाएगी और सड़क दुर्घटनाओं के संभावित स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।